सिर्फ छह दिन रहेगा बैंड, बाजा, बारात का मुहूर्त

विवाह व अन्य मांगलिक कार्यो के लिए वर्ष 2020 ठीक नहीं रहा। कोरोना संक्रमण के चलते अप्रैल मई जून और जुलाई में शादियां नहीं हुई। अब नवंबर के बाकी बचे दिनों व दिसंबर में केवल छह दिन ही लगन का मुहूर्त है। इन दिनों में धर्माचार्यो की मांग बढ़ गई है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 24 Nov 2020 06:36 AM (IST) Updated:Tue, 24 Nov 2020 06:36 AM (IST)
सिर्फ छह दिन रहेगा बैंड, बाजा, बारात का मुहूर्त
सिर्फ छह दिन रहेगा बैंड, बाजा, बारात का मुहूर्त

जागरण संवाददाता, प्रयागराज : विवाह व अन्य मांगलिक कार्यो के लिए वर्ष 2020 ठीक नहीं रहा। कोरोना संक्रमण के कारण घोषित लाकडाउन के चलते अप्रैल, मई, जून व जुलाई की लगन स्थगित करनी पड़ी। अब नवंबर के बाकी बचे दिनों व दिसंबर में विवाह के मात्र छह मुहूर्त हैं। इसके बाद 22 अप्रैल 2021 के बाद विवाह का मुहूर्त आएगा। मुहूर्त कम होने से जिन्होंने तय कर लिया है वो अपनी शादी कराना चाहते हैं। इससे विवाह कराने वाले धर्माचार्यो की मांग बढ़ गई है। हर लगन पर धर्माचार्य बुक हैं। विवाह का सबसे अच्छा मुहूर्त 30 नवंबर देव दीपावली पर है। इसी कारण धर्माचार्यो की सबसे अधिक व्यस्तता इसी दिन है।

ज्योतिर्विद आचार्य देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी बताते हैं कि देवोत्थान एकादशी के बाद 30 नवंबर देव दीपावली से विवाह का मुहूर्त आरंभ हो जाएगा। एक, छह, आठ, नौ व 11 दिसंबर को विवाह का मुहूर्त है। इसके बाद 16 दिसंबर की सुबह 6.49 बजे खरमास लग जाएगा। खरमास 14 जनवरी को दिन में 2.37 बजे खत्म होगा। फिर पौष शुक्लपक्ष की तृतीया तिथि 16 जनवरी 2021 से गुरु अस्त हो जाएंगे। गुरु, माघ शुक्लपक्ष की प्रतिपदा तिथि 12 फरवरी को सुबह 10.6 बजे उदित होंगे। तीन दिन उनका बाल्यकाल रहेगा। फिर माघ शुक्लपक्ष चतुर्थी तिथि 14 फरवरी को शुक्र वृद्ध हो जाएंगे। इसके तीन दिन बाद यानी 17 फरवरी को शुक्र अस्त हो जाएंगे। ऐसी स्थिति में कोई मांगलिक कार्य नहीं होंगे। शुक्र का उदय चैत्र शुक्लपक्ष की सप्तमी तिथि 19 अप्रैल को होगा। उदित होने के तीन दिन तक उनका बाल्यत्व रहेगा। शुक्र का बाल्यत्व 22 अप्रैल की सुबह 5.41 बजे खत्म होगा। इसके बाद लगन सहित समस्त मांगलिक कार्य होंगे। -30 नवंबर को देव दीपावली पर है विवाह का सबसे अच्छा मुहूर्त

-एक, छह, आठ, नौ और 11 दिसंबर को होंगी शादियां

-22 अप्रैल की सुबह 5.41 बजे खत्म होगा शुक्र का बाल्यत्व, इसके बाद होंगे मांगलिक कार्य

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