मिडिल इनकम ग्रुप को सस्ता-सुलभ न्याय दिलाने के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट की पहल, वेबसाइट लांच

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मध्यम आय वर्ग के लोगों को कानूनी सलाह सहित सस्ता व सुलभ न्याय दिलाने के लिए वेबसाइट लांच की है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Thu, 17 Sep 2020 07:11 PM (IST) Updated:Fri, 18 Sep 2020 07:58 AM (IST)
मिडिल इनकम ग्रुप को सस्ता-सुलभ न्याय दिलाने के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट की पहल, वेबसाइट लांच
मिडिल इनकम ग्रुप को सस्ता-सुलभ न्याय दिलाने के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट की पहल, वेबसाइट लांच

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मध्यम आय वर्ग के लोगों को कानूनी सलाह सहित सस्ता व सुलभ न्याय दिलाने के लिए वेबसाइट लांच की है। इसका नाम 'इलाहाबाद हाईकोर्ट मिडिल इनकम ग्रुप लीगल एड सोसाइटी' है। हाई कोर्ट ने सोसाइटी को सुप्रीम कोर्ट की योजना के एक भाग के रूप में लांच किया है। जो मध्यम आय वर्ग के लोगों को पैनल अधिवक्ताओं के माध्यम से कानूनी सलाह-सहायता उपलब्ध करवाएगी। साथ ही आवश्यकता होने पर कोर्ट में उनका प्रतिनिधित्व भी करेगी।

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कमजोर आय वर्ग, महिला, एससी-एसटी, दिव्यांगजन आदि को निश्शुल्क विधिक सहायता दे रही है। मध्यम आय वर्ग के लोगों के लिए हाई कोर्ट की तरफ से पहल शुरू की गई है। हाई कोर्ट की ओर से कहा गया है कि मध्यम आय वर्ग में उन्हीं को शामिल किया गया है, जिनकी कुल वार्षिक आय छह लाख व 12 लाख रुपये के बीच हैं। यही लोग इसकी सेवा पाने के लिए हकदार होंगे। इस मिडिल इनकम ग्रुप लीगल एड सोसाइटी का काम होगा कि वह इसके हकदार लोगों को विधिक सहायता, उनकी काउंसिलिंग, विधिक उपचार व आवश्यकता होने पर कोर्ट में उनका प्रतिनिधित्व कराएगी। मिडिल इनकम ग्रुप के लोगों को यह लाभ हाई कोर्ट के अलावा मिडिएशन व कंसिलिएशन सेंटर व आर्बिट्रेशन के मामलों में भी मिलेगा।

इस सेवा की विशेषता यह है कि इसका लाभ दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भी देने की व्यवस्था की गयी है। इसके लिए यह सुविधा के हकदार लोगों को ई-मेल, वीडियो काल या सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए उपलब्ध कराया जाएगा। मकसद है कि लोगों को अनावश्यक यात्रा न करने से बचाना। इसका लाभ वृद्ध, दिव्यांग व यात्रा के अयोग्य अन्य लोगों को भी मिलेगा। इस सुविधा का लाभ व राय मशविरा का कोई खर्च नहीं है।

केवल कोर्ट में केस का प्रतिनिधित्व करने के लिए एक निर्धारित टोकेन राशि चार्ज होगा। इस सुविधा की आफिसियल वेबसाइट हिंदी व अंग्रेजी, दोनों भाषाओं में उपलब्ध होगी। इसका लाभ पाने के लिए हकदार लोगों को अपनी बात व परेशानी विस्तार से आफिसियल वेबसाइट पर भेजना होगा। भेजने के 15 दिन के भीतर उस अर्जी की स्वीकृति या अस्वीकृति संबंधी आदेश याची को मिल जाएगा। यदि भेजी गयी अर्जी खारिज होती है तो उस व्यक्ति को एक पैनल का नामित वकील खारिज होने के कारण से प्रार्थी को अवगत कराएगा।

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