इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आत्महत्या को मजबूर करने के आरोपी की जमानत सशर्त मंजूर की
याची का कहना था कि वह मुख्य आरोपी आकाश का पिता है। सह अभियुक्त कमल को जमानत मिल चुकी है। याची आठ नवंबर 2020 से जेल में बंद हैं। उसे भी जमानत पर रिहा किया जाए। कोर्ट ने सशर्त जमानत मंजूर कर ली है। हाई कोर्ट से सशर्त जमानत मिली।
प्रयागराज, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने झांसी में थाना एरच के अमर सिंह उर्फ पप्पू यादव की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है। कोर्ट ने कहा है कि शर्तों का उल्लघंन करने पर जमानत निरस्त की जा सकती है। यह आदेश न्यायमूर्ति समित गोपाल ने अमर सिंह की अर्जी को स्वीकार करते हुए दिया है। अर्जी पर अधिवक्ता अश्वनी कुमार ओझा ने बहस की। इनका कहना था कि नाबालिग लड़की से छेड़छाड़ करने, धमकाने व आत्महत्या के लिए मजबूर करने का याची पर आरोप है, जो निराधार है। याची ने आत्महत्या के लिए उकसाया नहीं है।
यह था पूरा मामला
पीड़िता के पिता ने एफआइआर दर्ज कराई थी कि आकाश स्कूल जाते समय उसकी लड़की को छेड़ता था। छह नवंबर 2020 को शाम चार बजे जब वह स्कूल जा रही थी, आकाश ने छेड़छाड़ की। शोर करने पर वह भाग गया। फिर अपने दोस्तों व पिता अमर, कमल के साथ घर आया और कहा शादी करो या आत्महत्या कर लो। वे गाली गलौज करने लगे और वे धमकाते हुए चले गए। लड़की ने जहर खा लिया। उसे उल्टी हो रही थी। बताया जहर खा लिया है। अस्पताल में ले गए, जहां लड़की को मृत घोषित कर दिया गया। इस मामले में नामजद एफआइआर दर्ज कराई गई।
याची का यह कहना था
याची का कहना था कि वह मुख्य आरोपी आकाश का पिता है। सह अभियुक्त कमल को जमानत मिल चुकी है। याची आठ नवंबर 2020 से जेल में बंद हैं। उसे भी जमानत पर रिहा किया जाए। कोर्ट ने सशर्त जमानत मंजूर कर ली है।