इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सरकार से पूछा- छुट्टा जानवरों को नियंत्रित करने के लिए क्या है नीति

हाई कोर्ट ने फसलों को चौपट कर रहे छुट्टा जानवरों को नियंत्रित करने के लिए सरकार से नीति बताने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि छुट्टा जानवर किसानों की फसल व राजमार्गों पर चलने वालों के लिए खतरा बन चुके हैं यह काफी गंभीर मामला है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Thu, 26 Nov 2020 10:10 PM (IST) Updated:Thu, 26 Nov 2020 10:10 PM (IST)
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सरकार से पूछा- छुट्टा जानवरों को नियंत्रित करने के लिए क्या है नीति
हाईकोर्ट ने कहा कि छुट्टा जानवर किसानों की फसल व राजमार्गों पर चलने वालों के लिए खतरा बन चुके हैं।

प्रयागराज [विधि संवाददाता]। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने किसानों की फसलों को चौपट कर रहे नीलगाय, बैल, गाय और दूसरे छुट्टा जानवरों को नियंत्रित करने के लिए सरकार से नीति बताने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि छुट्टा जानवर किसानों की फसल व राजमार्गों पर चलने वालों के लिए खतरा बन चुके हैं, यह काफी गंभीर मामला है। सरकार को पांच जनवरी 2021 को अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। 

यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति गोविंद माथुर व न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की पीठ ने अमृतलाल गुप्त की जनहित याचिका पर दिया है। याची के अधिवक्ता गंगा प्रसाद गुप्त का तर्क था कि नीलगाय, बैल और गाय जैसे छुट्टा जानवर किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। किसानों के लिए फैसला पैदा करना और उसे बचाना मुश्किल हो गया है। यह जानवर उनकी खड़ी फसल नष्ट कर रहे हैं।

हाई कोर्ट में कहा गया कि ये जानवर ग्रामीण इलाकों में लोगों की जान के लिए खतरा बन गए हैं। वहीं, राजमार्गों पर चलने वाले लोगों के लिए खतरा बने हैं। इनके कारण मार्ग दुर्घटना का खतरा बना रहता है। इसकी जानकारी होने के बावजूद सरकार ने जानवरों को नियंत्रित करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। वहीं, प्रदेश सरकार के अधिवक्ता ने इस मामले पर जानकारी उपलब्ध कराने के लिए समय की मांग की गई। उसे मंजूर करते हुए कोर्ट ने सरकार को छुट्टा जानवरों को नियंत्रित करने की अपनी नीति बताने के लिए कहा है।

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