आनंद गिरि बोले, नार्को टेस्ट कराया जाए, अखाड़ा परिषद महामंत्री हरि गिरि ने कहा, बाज आएं वरना होंगे बहिष्कृत

निक जागरण से टेलीफोनिक बातचीत में हरि गिरि ने कहा कि आनंद गिरि की महत्वकांक्षा बीते कुछ सालों में बढ़ती जा रही थी। वह खुद को गुरु से श्रेष्ठ समझने लगे थे। कुछ गलत लोगों के इशारे पर काम करने लगे। उन्हें लगा कि गुरु का अस्तित्व उनसे है।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Thu, 20 May 2021 10:27 AM (IST) Updated:Thu, 20 May 2021 10:27 AM (IST)
आनंद गिरि बोले, नार्को टेस्ट कराया जाए, अखाड़ा परिषद महामंत्री हरि गिरि ने कहा, बाज आएं वरना होंगे बहिष्कृत
हरि गुरू बोले, गुरु पर अनर्गल आरोप लगा संत समाज को कर रहे बदनाम

प्रयागराज. जेएनएन। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि पर उनके शिष्य योगगुरु स्वामी आनंद गिरि द्वारा लगाए जा रहे आरोपों पर परिषद महामंत्री महंत हरि गिरि ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। कहा है कि आनंद गिरि गुरु पर अनर्गल आरोप लगाना बंद करें, अन्यथा उन्हें संत समाज से बहिष्कृत किया जाएगा। विवाद से संन्यास व गुरु-शिष्य परंपरा प्रभावित हो रही है।

23-24 मई को अखाड़ा परिषद के महात्मा करेंगे बैठक

दैनिक जागरण से टेलीफोनिक बातचीत में हरि गिरि ने कहा कि आनंद गिरि की महत्वकांक्षा बीते कुछ सालों में बढ़ती जा रही थी। वह खुद को गुरु से श्रेष्ठ समझने लगे थे। कुछ गलत लोगों के इशारे पर काम करने लगे। उन्हें लगा कि गुरु का अस्तित्व उनसे है। इसी गफलत में साजिश रचने लगे। गुरु को उनके अनैतिक कार्यों की जानकारी मिली तो उन्होंने आनंद गिरि को बहार कर दिया। हरि गिरि के अनुसार संत परंपरा में ऐसा अक्सर होता है कि जब गुरु को शिष्य की कार्यप्रणाली गलत लगती है तो उसे पश्चाताप के लिए तीन-चार साल तक वह खुद से अलग कर देते हैं। शिष्य अपनी सेवा व तपस्या से गुरु का दिल जीतकर पुन: उनके संरक्षण में आ जाते हैं परंतु, आनंद गिरि ने मनगढ़ंत आरोप लगाना शुरू कर दिया है। उन्होंने जो आरोप लगाए हैं उसका कोई प्रमाण नहीं है उनके पास। इन दिनों हरिद्वार में मौजूद हरि गिरि ने कहा कि वह 23 अथवा 24 मई को प्रयागराज पहुंचेंगे और अखाड़ों के महात्माओं के साथ बैठक कर मामले में निर्णायक कदम उठाया जाएगा।

नार्को टेस्ट कराने को हूं तैयार : आनंद गिरि
इधर योगगुरु स्वामी आनंद गिरि भी पीछे हटने को तैयार नहीं दिखते। उन्होंने कहा कि वह धर्म की लड़ाई लड़ रहे हैं, नार्को टेस्ट कराने को भी तैयार हैं। बोले, मैैं आदिगुरु शंकराचार्य के दिखाए मार्ग पर चलते हुए सनातन धर्म के शत्रुओं के खिलाफ आवाज उठा रहा हूं। कहा कि प्रयागराज में भरद्वाज आश्रम, दुर्वासा ऋषि आश्रम, नागवासुकी मंदिर जैसे तमाम धार्मिक व पौराणिक स्थलों का अस्तित्व खत्म हो रहा है। बड़े हनुमान मंदिर भी शहर की विरासत हैं, जिन्हें बचाने की जिम्मेदारी सबकी है। संगमनगरी के 10 प्रबुद्धजन जाजिम बिछाकर बैठें, मुझे और मेरे गुरु को बुलाकर सुनें। मेरा और मेरे गुरु का नार्को टेस्ट कराया जाय, जो दोषी मिले उसके खिलाफ कार्रवाई हो।

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