दवा नहीं दबाव का जादू है एक्यूप्रेशर प्वाइंट्स, मिनटों में दर्द को करेगा छूमंतर

प्रयागराज के एक्यूप्रेशर शोध प्रशिक्षण एवं उपचार संस्थान के अध्यक्ष जे पी अग्रवाल ने बताया कि किसी तरह की दवा नहीं बल्कि शरीर के विभिन्न अंगों के कुछ खास बिंदुओं पर दबाव के जरिए हर बीमारी का उपचार किया जाता है एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्धति में।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Tue, 18 Jan 2022 04:58 PM (IST) Updated:Tue, 18 Jan 2022 04:58 PM (IST)
दवा नहीं दबाव का जादू है एक्यूप्रेशर प्वाइंट्स, मिनटों में दर्द को करेगा छूमंतर
शारीरिक रोगों के साथ ही तनाव व अवसाद का निदान भी संभव है...फाइल फोटो

प्रयागराज, अमरदीप भट्ट। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज शहर निवासी 11 वर्षीय अपूर्व अग्रवाल को फिट्स आने की समस्या ने उनकी मां रानी अग्रवाल को बेहद व्यथित कर दिया था, जब चिकित्सा की अन्य पद्धतियों से आराम नहीं मिला तो उन्होंने बेटे को एक्यूप्रेशर थेरेपी दिलाने का फैसला किया। अंगुलियों की नसों पर पड़े दबाव और ब्रेन के उससे सीधे संपर्क ने बहुत थोड़े समय में ऐसा असर दिखाया कि मां के चेहरे पर संतोष नजर आता है।

यह सिर्फ एक कहानी नहीं, बल्कि एक्यूप्रेशर थेरेपी से आराम की तस्दीक करने वाले ऐसे अनेक उदाहण हैं। आजकल की व्यस्त जीवनशैली में असंतुलित खानपान, प्रतिस्पर्धी माहौल व आफिस में काम के तनाव के कारण शारीरिक व मानसिक समस्याओं के बढ़ते मामलों के बीच प्राचीन भारत की यह चिकित्सा पद्धति तेजी से लोकप्रिय हो रही है।

ऊर्जा पर आधारित है एक्यूप्रेशर: एक्यूप्रेशर उपचार पद्धति ऊर्जा के सिद्धांत पर आधारित है। हमारा मस्तिष्क संपूर्ण शरीर में ऊर्जा को संचारित करता है। किसी कारणवश जब इस ऊर्जा में असंतुलन उत्पन्न हो जाता है, तब पंचतत्वों से बने शरीर को व्याधि घेर लेती है। एक्यूप्रेशर पद्धति से इलाज में एक्यू बिंदुओं पर दबाव देकर इसी ऊर्जा में स्पंदन करके रोगों को दूर किया जाता है।

थेरेपी की विधियां: एक्यूप्रेशर में शरीर के जिन बिंदुओं पर दबाव देकर उपचार किया जाता है, उन्हें एक्यू प्वाइंट्स कहते हैं। उपचार इन बिंदुओं पर सुई चुभोकर होता है तो इस विधि को एक्यूपंक्चर भी कहते हैं। जब इन बिंदुओं पर पर मेथी दाना, चना, मटर, राजमा को पेपर टेप से चिपका कर उपचार करते हैं तो यह सीड थेरेपी कहलाती है। कुछ रोगों में जब छोटे मैग्नेट लगाकर उपचार किया जाता है तो उसे मैग्नेट थेरेपी और जब विभिन्न रंगों को लगाकर थेरेपी दी जाती है तो उसे कलर थेरेपी कहा जाता है।

तनाव से उबारने में मददगार: एक्यूप्रेशर पद्धति से सिर्फ शारीरिक व्याधियों का ही निदान सुनिश्चित नहीं किया जाता, बल्कि तनाव, अवसाद जैसी मानसिक समस्याओं में भी इसके प्रयोग से राहत मिलती है। प्रयागराज की शिल्पा चंद्रा अनुभव कहती हैं, ‘प्रतियोगी परीक्षाओं में निरंतर मेहनत के बावजूद सफलता न मिलने के कारण मैं स्ट्रेस का शिकार हो गई थी। तब एक्यूप्रेशर थेरेपी से मुझे बेहद राहत मिली।

दर्द से राहत: एक्यूप्रेशर थेरेपी दर्द से राहत प्रदान करती है। प्रयागराज की सुधा प्रसाद अनुभव साझा करती हैं कि एक दुर्घटना में घायल हुई तो कमर दर्द की समस्या लाइलाज बनकर रह गई। बीपी, शुगर के अलावा थायराइड की भी समस्या थी। बहुत से चिकित्सकों को दिखाया, पर परेशानी दूर नहीं हुई। अंतत: एक्यूप्रेशर थेरेपी से मुझे आराम मिला।

सेहतमंद रखने में सहायक: एक्यूप्रेशर थेरेपी न सिर्फ बीमारियों से राहत दिलाने, बल्कि सेहतमंद बनाए रखने में भी मदद करती है। दिल्ली की ऊषा डडलानी इसका जीवंत उदाहरण हैं। वह कहती हैं, ‘मैं कैंसर सर्वाइवर हूं। सर्जरी के बाद कीमोथेरेपी भी हो चुकी हैं। चिकित्सकों ने हालत गंभीर बता कर डरा दिया था। एक्यूप्रेशर शोध संस्थान प्रयागराज से संबद्ध प्रशिक्षक से उपचार लिया। अब आराम के साथ मन में विश्वास जगा है कि सब ठीक हो जाएगा।’

विभिन्न रोगों में कारगर: एक्यूप्रेशर मालिश एवं नसों पर दबाव देने की कला नहीं, बल्कि ऊर्जा के सिद्धांत पर आधारित वैज्ञानिक उपचार विधि है, जिसके माध्यम से शरीर की हथेली, अंगुलियों, पंजों पर प्रेशर प्वाइंट्स को दबाते हुऐ अर्थराइटिस, हृदय रोग, सर्वाइकल, स्पांडलाइटिस, स्लिप डिस्क, पथरी, लिवर सहित रक्त जनित रोगों का उपचार किया जाता है।

नोट- इस पर अमल करने से पूर्व डॉक्‍टर से परामर्श जरूर कर लें

chat bot
आपका साथी