68500 शिक्षक भर्ती : कटऑफ अंक की फिर जंग, सिंगल बेंच के आदेश के खिलाफ डबल बेंच में याचिका

68500 सहायक अध्यापक भर्ती के कटऑफ अंक का विवाद अब बड़ी बेंच में पहुंच गया है। हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के सिंगल बेंच के आदेश के खिलाफ अब डबल बेंच में याचिका दाखिल हुई है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Sun, 12 Jan 2020 06:42 PM (IST) Updated:Sun, 12 Jan 2020 06:44 PM (IST)
68500 शिक्षक भर्ती : कटऑफ अंक की फिर जंग, सिंगल बेंच के आदेश के खिलाफ डबल बेंच में याचिका
68500 शिक्षक भर्ती : कटऑफ अंक की फिर जंग, सिंगल बेंच के आदेश के खिलाफ डबल बेंच में याचिका

प्रयागराज, जेएनएन। आखिरकार वही हुआ, जिसका अंदेशा था। बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में 68500 सहायक अध्यापक भर्ती के कटऑफ अंक का विवाद अब बड़ी बेंच में पहुंच गया है। हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के सिंगल बेंच के आदेश के खिलाफ अब डबल बेंच में याचिका दाखिल हुई है। याची का तर्क है कि भर्ती के पद खाली पड़े हैं, इसलिए कटऑफ अंक 33-30 प्रतिशत ही मान्य किया जाए। अब जल्द सुनवाई और निर्णय होने की उम्मीद है।

बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 68500 सहायक अध्यापक भर्ती के लिए दो कटऑफ अंक घोषित हो गए थे। इस पर भर्ती के दावेदार भी दो भागों में बंटे हैं। तमाम अभ्यर्थी जहां मूल शासनादेश के तहत सामान्य व ओबीसी का 45 व अन्य आरक्षित वर्ग का 40 प्रतिशत कटऑफ अंक रखने के पक्ष में हैं तो कई लिखित परीक्षा के चंद पहले सामान्य व ओबीसी का 33 व अन्य आरक्षित वर्ग को 30 प्रतिशत कटऑफ अंक करने के पक्षधर है।

हालांकि हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने बीते सात जनवरी को मूल शासनादेश को ही मान्य किया है। न्यायमूर्ति अब्दुल मुईन की एकल पीठ के आदेश के खिलाफ अब डबल बेंच में आदित्य कुमार पांडेय ने याचिका दायर की है। इस याचिका की सुनवाई के लिए अभी तारीख का एलान नहीं हुआ है, लेकिन माना जा रहा है कि जल्द ही इस प्रकरण की सुनवाई और फैसला होगा।

भर्ती के खाली पद पाने के लिए रस्साकशी

हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में कटऑफ अंक की लड़ाई हो या फिर मुख्य न्यायपीठ में पुनर्मूल्यांकन के लिए तमाम याचिकाएं होने का कारण भर्ती के बड़े पैमाने पर खाली पद हैं। लिखित परीक्षा में जो अभ्यर्थी तय कटऑफ अंक पाने से चंद अंकों से चूक गए हैं वे इन्हीं दोनों माध्यमों से शिक्षक बनने का रास्ता खोज रहे हैं। पुनर्मूल्यांकन में ही बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों को शिक्षक बनने का मौका मिला भी है और कुछ को अभी और मिलना भी है। वहीं, यदि कटऑफ अंक कम हो जाए तो बड़ी संख्या में अभ्यर्थी चयनित हो जाएंगे। इसीलिए कुछ अंक कम वाले याचिकाएं कर रहे हैं। वहीं, जो चयनित हो चुके हैं वे मूल शासनादेश को ही मान्य कराने पर अड़े हैं, क्योंकि उन्हें कटऑफ अंक कम होने पर चयन में उलटफेर होने का डर सता रहा है।

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