सैदाबाद डाकघर से लाखों का गबन

जासं, इलाहाबाद : सैदाबाद डाकघर से लाखों के गबन का मामला सामने आया है। इसमें सब पोस्टमास्टर के बेटे न

By Edited By: Publish:Mon, 26 Sep 2016 10:27 PM (IST) Updated:Mon, 26 Sep 2016 10:27 PM (IST)
सैदाबाद डाकघर से लाखों का गबन

जासं, इलाहाबाद : सैदाबाद डाकघर से लाखों के गबन का मामला सामने आया है। इसमें सब पोस्टमास्टर के बेटे ने कई बार में लाखों रुपये निकाले। नौ लाख रुपये के गबन का रिकार्ड मिलने के बाद पोस्टमास्टर से रिकवरी करा ली गई। इसके बाद उसे और सिस्टम मैनेजर को सस्पेंड कर दिया गया है। जबकि उसके बेटे पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। कितना गबन हुआ है, इसकी जांच चल रही है।

हनुमानगंज डाकघर में लल्लू सिंह सब पोस्टमास्टर के पद पर तैनात थे। वह कंप्यूटर नहीं चला पाते थे। चूंकि उस डाकघर को सीबीएस कर दिया गया इसलिए काम कंप्यूटर पर ही करना था। ऐसे में सब पोस्टमास्टर ने इंस्पेक्टर एनपी श्रीवास्तव से सहमति लेकर अपने बेटे राजेश को कंप्यूटर पर काम करने के लिए लगा लिया। डाकघर में लल्लू सिंह आकर बैठते जबकि काम उनका बेटा करता। इस दौरान वह विभाग के लिंक, आइडी, पासवर्ड आदि सब जान गया। फिर वह धीरे-धीरे डाकघर के खाते से रुपये अपने खाते में ट्रांसफर करके निकालने लगा।

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कैसे पकड़ा गया मामला

इस साल की शुरुआत में एक दिन शाम को सब पोस्ट मास्टर के बेटे राजेश ने उग्रसेनपुर डाकघर की यूजर आइडी का इस्तेमाल करके सैदाबाद डाकघर से 6.71 लाख रुपये हनुमानगंज डाकघर में ट्रांसफर कर लिया। चूंकि उग्रसेनपुर का पोस्टमास्टर उस दिन तीन बजे ही अपना डाकघर का काम निपटाकर चला गया था। इसलिए जो पैसे राजेश ने ट्रांसफर किया वह फंस गया। शाम को प्रधान डाकघर में सभी डाकघर का लेनदेन चेक हुआ यह पैसा पेंडिंग मे था। उस दिन तो यह किसी समझ में नहीं आया। बाद में पता चला कि लल्लू सिंह के बेटे ने ऐसा किया।

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कैसे करता था खेल

सब पोस्टमास्टर का बेटा बड़े शातिर तरीके रुपये निकालता था। उसने हनुमानगंज में कई खाते खोले। डाकघर के सीबीएस होने का उसने फायदा उठाया। वह खातों के लेनदेन वाला काम करता था। इसलिए वह अपने खातों के रिकार्ड में लाखों रुपये जमा दिखा देता था लेकिन वास्तव में वह धनराशि जमा नहीं होती थी।

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करे कोई, भरे कोई

पैसों का गबन सब पोस्टमास्टर के बेटे ने किया लेकिन अब तक डाक विभाग उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं करा पाया है। विभाग ने लल्लू सिंह को सस्पेंड करके अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली। जबकि वहां की नियमित जांच करने की जिम्मेदारी इंस्पेक्टर एनपी श्रीवास्तव की थी। इसके अलावा रोजाना के ट्रांजेक्शन की चेकिंग एसबीसीओ (सेविंग बैंक कंट्रोल आर्गनाइजेशन) आनलाइन करता है। लेकिन नियमित चेकिंग न होने से बिना पैसा जमा किए रिकार्ड में चढ़ता गया और फिर पैसा निकलता गया।

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डिबार कर्मी को फिर वहीं तैनात किया था

लल्लू सिंह रिटायर होने के करीब हैं। जब हनुमानगंज डाकघर को सीबीएस किया तो वह वहां पर काम नहीं कर पा रहे थे। उनकी हालत को देखकर डाक निदेशक एसके राय ने उन्हें काउंटर पर काम करने के लिए डिबार कर दिया था।

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- अब तक जितना पता चला है उसकी रिकवरी कराकर लल्लू सिंह को सस्पेंड कर दिया है। उसके बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। साथ ही वहां के रिकार्ड की जांच की जा रही है कि उसने और कितनी गड़बड़ी की है।

- एसके राय, डाक निदेशक

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