एडिट-'उर्दू जुबान को धर्म से जोड़कर बांटा गया'

इलाहाबाद : हमीदिया ग‌र्ल्स डिग्री कालेज में स्वतंत्रता की 70वीं वर्षगांठ के तहत आयोजित कार्यक्रम का

By Edited By: Publish:Tue, 23 Aug 2016 06:48 PM (IST) Updated:Tue, 23 Aug 2016 06:48 PM (IST)
एडिट-'उर्दू जुबान को धर्म से जोड़कर बांटा गया'

इलाहाबाद : हमीदिया ग‌र्ल्स डिग्री कालेज में स्वतंत्रता की 70वीं वर्षगांठ के तहत आयोजित कार्यक्रम का मंगलवार को समापन हो गया। मुख्य अतिथि इलाहाबाद विवि के मध्यकालीन इतिहास के प्रो. हेरम्ब चतुर्वेदी ने वर्तमान परिप्रेक्ष्य में आजादी की व्याख्या की। उन्होंने कहा असल आजादी तो वह है जब अपनी आजादी के साथ-साथ दूसरों की आजादी का भी ध्यान रखा जाए।

उन्होंने कहा इलाहाबाद स्वतंत्रता आन्दोलन का महत्वपूर्ण केंद्र रहा है। इलाहाबाद में एक उर्दू की साप्ताहिक पत्रिका 'स्वराज' निकलती थी। जिसके सारे सम्पादक हिन्दू थे। परन्तु आगे चलकर देश की उर्दू जुबान को धर्म से जोड़कर बाट दिया गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि राष्ट्र का निर्माण जाति और धार्मिक भेदभाव को त्यागने से होता है। छोटी-छोटी कुर्बानियों से ही राष्ट्र का निर्माण होता है। नागरिकों के कर्तव्य बोध के बिना अधिकार नहीं है और परस्पर कुर्बानी भाव से ही मानव को स्वतंत्रता प्राप्त होती है।

इस अवसर पर विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार वितरित किया गया। स्वागत प्राचार्या डा. युसुफा नफीस ने किया। संचालन एवं धन्यवाद नासेहा उस्मानी ने किया।

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