.. जब नेहरू ने ब्रिटिश अधिकारी को फटकारा

हिमांशु मिश्र, इलाहाबाद : पं.जवाहर लाल नेहरू अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत में ही ब्रिटिश अधिकारियों

By Edited By: Publish:Fri, 27 May 2016 01:02 AM (IST) Updated:Fri, 27 May 2016 01:02 AM (IST)
.. जब नेहरू ने ब्रिटिश अधिकारी को फटकारा

हिमांशु मिश्र, इलाहाबाद : पं.जवाहर लाल नेहरू अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत में ही ब्रिटिश अधिकारियों के बीच चर्चा का विषय बन चुके थे। चर्चा तब और तेज हुई जब उन्होंने 1924 में नगर पालिका (अब नगर निगम) अध्यक्ष का पदभार संभाला। नामी और धनी परिवार से ताल्लुक रखने वाले पं. नेहरू दबाव में काम करना पसंद नहीं करते थे। इसके उलट ब्रिटिश अधिकारी शुरुआत से ही उन पर दबाव बनाने की कोशिश करने लगे। यह उन्हें नागवार गुजरता। रोज-रोज पं.नेहरू और तत्कालीन डिप्टी सुप्रीटेंडेंट ऑफ पुलिस से तकरार भी शुरू हो गई। वर्ष 1926 में वह शहर के विकास कार्यो को लेकर प्रस्ताव तैयार कर रहे थे। इसी दौरान एक ब्रिटिश अधिकारी ने उनके काम में रुकावट पैदा करना शुरू कर दिया। इससे खफा पं.नेहरू उस अधिकारी के पास पहुंचे तो वह उनसे उलझ गया। पं.नेहरू भी गुस्से में थे और वहीं उस ब्रिटिश अधिकारी को डांटना शुरू कर दिया। विवाद गहराता देख किसी तरह अन्य अधिकारियों ने बीच-बचाव कर मामला शांत कराया। मामला तो शांत हो गया, लेकिन पं. नेहरू ने उसी क्षण अपना अध्यक्षीय पद छोड़ दिया।

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विलासिता छोड़, सेवा शुरू की

पं.नेहरू की शुक्रवार 27 मई को पुण्यतिथि है। ऐसे में उनके किस्से याद आने लाजमी हैं। इंदिरा गांधी के निजी सचिव रहे जेएन मिश्र बताते हैं कि पं.नेहरू ने दुनिया के कई देशों में पढ़ाई की। बेहद समृद्ध परिवार से जुड़े होने के बावजूद उन्होंने विलासिता के जीवन की बजाय देश के लिए काम करना चाहा। आजादी के लिए जेल गए और गांधी जी के हर आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

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आनंद भवन में कार्यक्रम

पं.नेहरू की 52वीं पुण्यतिथि के अवसर पर उनके पैतृक निवास आनंद भवन में सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। प्रशासक प्रमोद कुमार पांडेय ने बताया की यह कार्यक्रम सुबह सात बजे से शुरू होगा। इसमें पांच विभिन्न धर्म के आचार्य और विद्वानों की ओर से पवित्र धार्मिक ग्रंथों से लिए गए कुछ अंशों का पाठ भी होगा।

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आखिर आजाद हुआ मीरगंज

पं.नेहरू की पुण्यतिथि से ठीक पहले जिला प्रशासन ने उनके जन्म स्थान मीरगंज को आजाद कर दिया। वर्षो से यहां देह व्यापार चलता आ रहा था। यह उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि बताई जा रही है।

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