मॉक ड्रिल में भगवा लहराने पर बतंगड़

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : पुलिस लाइन मैदान पर शुक्रवार को दंगा नियंत्रण अभ्यास के दौरान एक छद्म द

By Edited By: Publish:Fri, 26 Jun 2015 09:08 PM (IST) Updated:Fri, 26 Jun 2015 09:08 PM (IST)
मॉक ड्रिल में भगवा लहराने पर बतंगड़

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : पुलिस लाइन मैदान पर शुक्रवार को दंगा नियंत्रण अभ्यास के दौरान एक छद्म दंगाई के हाथ भगवा झंडा दिखाए जाने से सियासी उफान आ गया। इस पर ¨हदू संगठनों ने कड़ी आपत्ति जाहिर की।

नवागत एसएसपी केएस इमेनुएल ने यहां चार्ज संभालने के बाद दंगा नियंत्रण के लिए विशेष प्रशिक्षण शुरू किया था। इसके तहत क्षेत्रवार मॉक ड्रिल चल रही थी। पिछले सप्ताह शहर के थानों की फोर्स बुलाई गई थी। शुक्रवार को यमुनापार के थानों की बारी थी। पुलिस लाइन मैदान पर चल रहे दंगा नियंत्रण अभ्यास के दौरान एक 'छद्म दंगाई' नेभगवा रंग का झंडा पकड़ रखा था। इसकी जानकारी विश्व ¨हदू परिषद व दूसरे ¨हदू संगठनों को हुई तो हड़कंप मच गया। मामले के सियासी रंग लेते देर नहीं लगी। इन संगठनों का आरोप है कि प्रदेश में सपा की सरकार है और उसी के इशारे पर एसएसपी ने ऐसा किया है। अभ्यास में एक दंगाई के हाथ में भगवा झंडा दिखाकर ¨हदुओं की भावनाओं को आहत करने की कोशिश की गई है। विहिप के महानगर अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने कहा कि भगवा ध्वज ¨हदुओं का धार्मिक प्रतीक भी है। यह ¨हदू समाज का अपमान है। इससे सपा सरकार की ¨हदुओं के प्रति दुर्भावना प्रदर्शित होती है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई न किए जाने पर आंदोलन किया जाएगा।

काला-हरा पर नहीं हुई सियासत

बताते हैं कि पिछले हफ्ते अभ्यास के दौरान दंगाईयों को काला और हरा झंडा पकड़ाया गया था। तब किसी ने कोई टिप्पणी नहीं की थी।

अखिलेश यादव का प्रदेश सरकार से नियंत्रण खत्म हो गया है और सूबे की सरकार आजम खां चला रहे हैं। तुष्टीकरण की घिनौनी राजनीति हो रही है। दंगाइयों को भगवा झंडा देकर अफसरों ने ¨हदू समाज का अपमान किया है। मुख्यमंत्री अफसरों पर कार्रवाई करें।

केशव प्रसाद मौर्य, सांसद (फूलपुर)

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पुलिस वालों का प्रेम भगवा बढ़ रहा है, क्योंकि उन्हें आने वाले दिनों में सत्ता परिवर्तन और भगवा का सत्तारोहण दिख रहा है। पुलिस भगवा से खूब प्यार करें, लेकिन इसकी अपनी गरिमा है इसलिए दंगाईयों के हाथ में न दें ऐसा जिसने हुक्म दिया है उस पर कार्रवाई होनी चाहिए।

श्यामाचरण गुप्त, सांसद (इलाहाबाद)

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यह पूरी तरह से अनुचित है। भगवा भारतीय संस्कृति का प्रतीक रहा है। उसे दंगाइयों को देना न केवल उसका अपमान है, बल्कि देश की धरोहर को भी खंडित करने का कुचक्र किया गया है।

नरेंद्र सिंह गौर, पूर्व मंत्री उप्र

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एसएसपी की सफाई

यह रुटीन अभ्यास था। अलग अलग टीम को अलग अलग रंग दिया जाता है। प्रतीक के रूप में किसी भी रंग के कपड़े का इस्तेमाल कर लिया जाता है। किसी की भावना को ठेस पहुंचाने की मंशा नहीं होती। कुछ लोग बेवजह इसे गलत समझकर तूल दे रहे हैं।

केएस इमेनुएल, एसएसपी

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