पहले लालबत्ती, अब गद्दी भी गंवा बैठे

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : सूबे की राजनीति में एक बार फिर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्णय से हलचल

By Edited By: Publish:Sat, 25 Oct 2014 11:11 PM (IST) Updated:Sat, 25 Oct 2014 11:11 PM (IST)
पहले लालबत्ती, अब गद्दी भी गंवा बैठे

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : सूबे की राजनीति में एक बार फिर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्णय से हलचल पैदा हो गई। जिस तरह से शनिवार को 82 दर्जाधारी मंत्रियों को उनके पद से बर्खास्त कर दिया गया, उससे विरोधी दल भी सकते में हैं। बर्खास्त होने वाले इन मंत्रियों में आधा दर्जन का सीधा नाता इलाहाबाद से है। इन मंत्रियों से कुछ दिन पहले ही लाल बत्ती छीन ली गई और अब ये गद्दी भी गंवा बैठे।

इससे पहले मई माह में रंजना बाजपेयी और इंदुप्रकाश मिश्र से मंत्री का दर्जा छीन लिया गया था। माना जा रहा था कि लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन न कर पाने के कारण यह गाज गिरी। इसके कुछ ही दिन बाद सूबे की सरकार ने मंत्री का दर्जा प्राप्त नेताओं की कार से लाल बत्ती हटाने का निर्देश जारी कर लोगों को चौंका दिया था। बर्खास्त होने वाले मंत्रियों में इलाहाबाद से जुड़े सात प्रभावशाली नेता भी शामिल हैं। बर्खास्तगी की सूची में कैबिनेट दर्जा प्राप्त मंत्री रामपूजन पटेल और सत्येन्द्र कुशवाहा हैं। इनके अलावा उज्जवल रमण, रामानंद भारती, लल्लन राय एवं रामवृक्ष यादव का नाम शुमार है। वहीं इस फरमान के बाद से सपा कार्यकर्ताओं ने चुप्पी ओढ़ ली है।

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