गुप्त सेवा व्यय मद में 3.69 करोड़ खर्च

By Edited By: Publish:Thu, 17 Apr 2014 09:07 PM (IST) Updated:Thu, 17 Apr 2014 09:07 PM (IST)
गुप्त सेवा व्यय मद में 3.69 करोड़ खर्च

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने गुप्त सेवा व्यय के तहत वित्तीय वर्ष 2013-14 में जनवरी 2014 तक तीन करोड़ 69 लाख रुपये खर्च किए हैं। इसके साथ ही व्यावसायिक तथा विशेष सेवाओं के लिए नौ लाख 78 हजार 967 रुपये खर्च किए गए हैं। आयोग के अनुसार 2012 में गुप्त सेवा व्यय में एक करोड़ 69 लाख रुपये खर्च किए गए थे। वहीं व्यावसायिक तथा विशेष सेवाओं के लिए 12 लाख 99 हजार 951 रुपये खर्च हुए थे। आयोग द्वारा मद 16 व्यावसायिक सेवा (न्यायालय में खर्च किए गए व्यय) में कुल व्यय नौ लाख 81 हजार 967 रुपये हैं। गुप्त सेवा व्यय के तहत आयोग के गोपनीय कार्यों मसलन प्रश्नपत्र, विषय विशेषज्ञ आदि के लिए पैसे खर्च किए जाते हैं। लोक सेवा आयोग ने सूचना के अधिकार के तहत पूछे गए सवालों के जवाब में यह जानकारी दी है।

आयोग के उपसचिव/जनसूचना अधिकारी मु. अब्दुल माबूद सिद्दीकी ने प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अवनीश कुमार पांडेय को सूचना के अधिकार के तहत पूछे गए सवालों के जवाब भेजे हैं। इसके अनुसार आयोग को वित्तीय वर्ष 2013-14 में जनवरी 2014 तक 17 करोड़ 88 लाख 12 हजार 31 रुपये की आय हुई है। वहीं 37 करोड़ 14 लाख 92 हजार 638 रुपये खर्च किए हैं।

इसी क्रम में अयोध्या प्रसाद सिंह द्वारा 17 फरवरी 2014 को मांगी गई सूचना के जवाब में आयोग ने 2005 से 2012 तक परीक्षा शुल्क से हुई आय का ब्यौरा दिया है। इसके अनुसार आयोग की आय घटती बढ़ती रही है। 2006 में तीन करोड़ 48 लाख नौ हजार 80 रुपये मिले तो 2007 में महज एक करोड़ 54 लाख 45 हजार 325 रुपये परीक्षा शुल्क के रूप में मिले। इसी तरह 2009 में चार करोड 19 लाख 83 हजार 144 रूपये परीक्षा शुल्क मिला तो 2010 में दो करोड़ 26 लाख 90 हजार 340 रुपये मिले। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के सचिव सुधीर सिंह का कहना है कि सरकार ने आयोग के लिए स्थायी अधिवक्ता नियुक्त किया है तो फिर अलग से अधिवक्ता पर खर्च क्यों किया जा रहा है। समिति ने आयोग के खर्च को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती देने का मन बनाया है।

chat bot
आपका साथी