Corona infection : सरकारी विद्यालय की कक्षा छह में अकेली पहुंची जारा Aligarh news
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के चलते करीब चार महीनों से बंद कक्षा छह से आठवीं तक के सरकारी व निजी स्कूल मंगलवार को एक बार फिर से खोल दिये गए। उम्मीद थी कि पर्याप्त संख्या में बच्चे आएंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
अलीगढ़, जेएनएन। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के चलते करीब चार महीनों से बंद कक्षा छह से आठवीं तक के सरकारी व निजी स्कूल मंगलवार को एक बार फिर से खोल दिये गए। उम्मीद थी कि पर्याप्त संख्या में बच्चे आएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। किसी कक्षा में एक विद्यार्थी आया तो किसी में कोई भी नहीं। 11 अप्रैल को शासन का आदेश आया था कि स्कूलों को 30 अप्रैल तक बंद रखा जाएगा। मगर इसके बाद स्कूल बंदी की तिथियां बढ़ती गईं।
सरकारी स्कूलो में बच्चों की संख्या न के बराबर
पहले दिन सरकारी स्कूलों में बच्चे न के बराबर संख्या में आ रहे हैं। दोधपुर के पूर्व माध्यमिक कन्या विद्यालय में कक्षा छह में मात्र एक छात्रा जारा ही आईं। सातवीं कक्षा में कक्ष खाली रहा। हालांकि ये तय किया गया कि पढ़ाई सुबह आठ से 11 बजे तक कराई जाएगी। अगर किसी विद्यालय में छात्र संख्या ज्यादा होती है तो दूसरी पाली सुबह 11.30 से दोपहर 2.30 बजे तक चलाई जाएगी। दूसरी पाली के लिए अफसरों से अनुमति लेनी जरूरी है। जिले में बेसिक शिक्षा परिषद के 733 जूनियर हाईस्कूल हैं। इनको 23 अगस्त से ही खोला जाना था लेकिन, दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की अंत्येष्टि कार्यक्रम के कारण सार्वजनिक अवकाश घोषित होने के चलते स्कूल नहीं खोले गए। अभिभावकों की अनुमति के साथ ही विद्यार्थी स्कूलों में बुलाए जाएंगे। इसके लिए अभिभावकों को तय प्रारूप का फार्म भरकर अनुमति देनी होगी। विद्यालयों में साफ-सफाई, फर्नीचर व कक्षाओं के सैनिटाइजेशन, स्वच्छ पेयजल, शौचालय की साफ-सफाई आदि की व्यवस्था दुरुस्त कर ली गई हैं। मुख्य गेट पर बच्चों की थर्मल स्क्रीनिंग के बाद उनका तापमान रजिस्टर में दर्ज होगा, तब उनको प्रवेश दिया जाएगा।
कई विद्यालयों में ताला लटका मिला
विष्णुपुरी में एक ही परिसर में संचालित बालक पाठशाला संख्या-13, कन्या पाठशाला संख्या-31 और कन्या पाठशाला संख्या-28 में सुबह 8:39 बजे लटका मिला ताला। हालांकि यहां कक्षा एक से पांच वाले बच्चों को नहीं आना है, लेकिन शिक्षकों को समय पर पहुंचना होता है।
कोरोना गाइड लाइन का होगा पालन
कक्षाओं में हर विद्यार्थी के बीच में छह फिट की दूरी रखने के निर्देश हैं। अगर इस व्यवस्था के चलते कक्ष संख्या कम पड़ेंगी तो वहां दो पालियों में पढ़ाई होगी। हर विद्यार्थी को मास्क लगाना अनिवार्य है। अगर किसी विद्यार्थी के पास मास्क नहीं है तो विद्यालय स्तर से मुहैया कराया जाएगा।
मास्क पहनकर रसोइये बनाएंगे खाना
सरकारी स्कूलों में छात्र-छात्राओं को मिड-डे-मील दिया जाता है। भोजन को पकाने वाले रसोइये मास्क पहनकर व साफ-सफाई का ध्यान रखते हुए ही सेवाएं देंगे। भोजन करने से पहले बच्चों के हाथ धुलवाने की जिम्मेदारी शिक्षकों की होगी। बच्चे दूर-दूर बैठकर ही भोजन करेंगे।
छात्रसंख्या बढ़ाने को पुरस्कार योजना
स्कूलों के खुलने पर छात्र संख्या को नियमित रखने के लिए पुरस्कार योजना भी चलाई जा रही है। इसके तहत जो विद्यार्थी ज्यादा से ज्यादा उपस्थिति दर्ज कराएंगे उनको विद्यालय में सम्मानित किया जाएगा। जनप्रतिनिधियों के हाथों स्कूल में सार्वजनिक तौर पर सम्मान समारोह होगा, जिससे अन्य विद्यार्थियों को भी प्रेरणा मिलेगी।
इनका कहना है
सभी विद्यालयों में तैयारियां पूरी करा ली गई हैं। विद्यार्थियों की स्वास्थ्य सुरक्षा के संबंध में निर्देश भी जारी किए हैं। मंगलवार से आफलाइन माध्यम से पढ़ाई शुरू होगी।
सत्येंद्र कुमार ढाका, बीएसए