अलीगढ़ में तीन हत्यारों को उम्रकैद
मडराक के गांव एसी में हुई थी घटना जिला जज की कोर्ट ने सुनाया फैसला।
जासं, अलीगढ़ : जिला जज विवेक संगल की कोर्ट ने हत्या के 10 साल पुराने मामले में दो भाइयों समेत तीन हत्यारों को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
जिला शासकीय अधिवक्ता धीरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि 27 फरवरी 2011 को मडराक के गांव एसी निवासी दुष्यंत तोमर ने मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें कहा कि वह अपने भाई जसपाल के साथ बाइक से गांव लौट रहा था। मोहनपुरा रोड पर ट्यूबवेल के पास हमलावरों ने बाइक रुकवाई और जसपाल को ट्यूबवेल के पास ले गए। यहां जसपाल को लाठी-डंडों व फावड़े से बुरी तरह पीट रहे थे। इसके चलते जसपाल की मौत हो गई थी। इसमें लोकेश, रामवीर, जीतू, गवेंद्र, कृष्णवीर व तेजपाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस ने लोकेश, उसके भाई गवेंद्र व तेजपाल के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी। कोर्ट ने तीनों आरोपितों को दोषी करार दिया।
हत्या में चार को उम्रकैद : एडीजीसी अमर सिंह तोमर के मुताबिक, जवां के कस्तली निवासी अनिल ने 22 दिसंबर 2011 को मुकदमा दर्ज कराया है। अनिल ने बताया था कि नौ माह पहले गांव के लोगों ने उनको गोली मारी थी। जानलेवा हमले के इस मुकदमे में अनिल का भाई राजकुमार शर्मा गवाह था। 22 दिसंबर की शाम को हमलावरों ने राजकुमार को लाठी-डंडों से बुरी तरह पीटा, जिससे उसकी मौत हो गई। इसमें रामबाबू उर्फ बाबूजी, कैलाश, रविद्र उर्फ रब्बी व मुकेश के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। कोर्ट ने चारों को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
दुष्कर्म के मामले में सजा : एडीजीसी अमर सिंह तोमर के अनुसार बन्नादेवी क्षेत्र के एक इलाके में रहने वाले युवक ने 15 सितंबर 1998 को मुकदमा दर्ज कराया था। युवक का कहना था कि 14 सितंबर की रात उनकी भाभी अपनी 16 वर्षीय बेटी व बेटा के साथ सो रही थीं। रात में छह-सात बदमाश आए। मारपीट करके किशोरी को खेत में ले गए और दुष्कर्म किया। इसमें आरोपित प्रकाश निवासी ग्राम आलमपुर (अतरौली) को 10 साल की सजा व 40 हजार का जुर्माना लगाया है।