शिक्षा की राह में गरीबी नहीं साहब व्‍यवस्‍था आ रही आड़े, जानिए मामला Aligarh news

कोरोना काल में जब शिक्षा आनलाइन माध्यम के भरोसे ही आ गई तब भी ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के बच्चों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था। अब भी ग्रामीण क्षेत्र के परिवार आफलाइन व आनलाइन के फेर में पड़कर परेशान हो रहे हैं।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Sun, 28 Mar 2021 10:43 AM (IST) Updated:Sun, 28 Mar 2021 10:45 AM (IST)
शिक्षा की राह में गरीबी नहीं साहब व्‍यवस्‍था आ रही आड़े, जानिए मामला Aligarh news
ग्रामीण क्षेत्र के परिवार आफलाइन व आनलाइन के फेर में पड़कर परेशान हो रहे हैं।

अलीगढ़, जेएनएन : कोरोना काल में जब शिक्षा आनलाइन माध्यम के भरोसे ही आ गई तब भी ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के बच्चों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था। अब भी ग्रामीण क्षेत्र के परिवार आफलाइन व आनलाइन के फेर में पड़कर परेशान हो रहे हैं। यहां शिक्षा को लेकर परेशानी नहीं है बल्कि शिक्षा हासिल करने के लिए की जा रही जद्दोजहद का प्रकरण है। हालांकि बीएसए कार्यालय पर इसके लिए कर्मचारी खुद भी आगे आ रहे हैं लेकिन शासन की ओर से किए गए बदलाव के आगे सभी मजबूर हैं।

आरटीई के तहत होने हैं प्रवेश

सीबीएसई से संबद्ध निजी स्कूलों में निर्धन परिवारों के बच्चों को आरटीई यानी राइट टू एजुकेशन के तहत मुफ्त में शिक्षित करने के लिए दाखिला दिया जाता है। मगर कोरोना काल के बाद जब आरटीई के आवेदन खोले गए तो अब केवल आनलाइन माध्यम से ही आवेदन करने का विकल्प खोला गया है। आफलाइन माध्यम से आवेदन करने की प्रक्रिया को नहीं अपनाया गया है। ऐसे में तमाम परिवार ऐसे हैं जो आनलाइन आवेदन न कर पाने से अपने बच्चों का दाखिले के लिए आवेदन नहीं करा पा रहे हैं। प्रकरण बीएसए दफ्तर पर भी पहुंचा। ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के लिए कर्मचारियों ने खुद उनके आनलाइन आवेदन भी किए। मगर ये इसका समाधान नहीं है। तमाम अभिभावक ऐसे हैं जिनको आनलाइन आवेदन करने में दिक्कत आती है। वहीं दूसरी ओर साइट पर स्कूलों के विकल्प भी अभिभावकों को नहीं दिख रहे हैं। इससे स्कूलों का चयन भी अभिभावक नहीं कर पा रहे हैं। बीएसए कार्यालय में आरटीई के तहत दाखिले की प्रक्रिया देखने वाले समन्वयक ज्ञानेंद्र गौतम ने बताया कि स्कूलों की सूची साइट पर अपलोड है, हो सकता है साइट पर समस्या के चलते स्कूल न दिख रहे हों। आनलाइन आवेदन लेने की ही व्यवस्था बनाई गई है। जिन अभिभावकों के सामने दिक्कत आ रही है वो साइबर कैफे या कार्यालय आकर आवेदन करवा सकते हैं।

इनका कहना है

बीएसए डा. लक्ष्मीकांत पांडेय ने बताया कि जिला समन्वयक को निर्देशित किया जा रहा है कि होली पर्व के बाद स्कूलों के नाम न दिखने की समस्या को खत्म कराया जाए। केवल आनलाइन आवेदन के संबंध में शासनस्तर से उच्चाधिकारियों से मार्गदर्शन मांगा है। जल्द समस्या दूर होने की संभावना है।

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