बिहार के मजदूर की मौत केे मामले में एसटीई पर मुकदमा, विभागीय जांच भी शुरू Aligarh news
रेलवे स्टेशन पर 10 जून को मालगाड़ी की चपेट में आकर बिहार के मजदूर की हुई मौत के प्रकरण में बेटे की ओर से एसटीई (वरिष्ठ टिकट पर्यवेक्षक) के खिलाफ जीआरपी थाने में मुकदमा दर्ज हुआ है। इस मामले में विभागीय स्तर से भी जांच शुरू कर दी गई है।
अलीगढ़, जेएनएन । रेलवे स्टेशन पर 10 जून को मालगाड़ी की चपेट में आकर बिहार के मजदूर की हुई मौत के प्रकरण में बेटे की ओर से एसटीई (वरिष्ठ टिकट पर्यवेक्षक) के खिलाफ जीआरपी थाने में मुकदमा दर्ज हुआ है। इस मामले में विभागीय स्तर से भी जांच शुरू कर दी गई है।
10 जून की घटना
किशनगंज (बिहार) के रानी गांव निवासी 42 वर्षीय हबीबुल रहमान 10 जून की देर रात अपने गांव के साथी अफसर आलम, सबी अनवर, शफीक आलम के साथ ब्रह्मपुत्र एक्सप्रेस से अलीगढ़ पहुंचे थे। यहां से उन्हें ईएमयू पैसेंजर ट्रेन के जरिए खुर्जा जाना था। जहां उन्हें धान बुबाई करने का ठेका मिला था। प्लेटफार्म संख्या तीन पर सभी बैठकर ट्रेन के आने का इंतजार कर रहे थे। तभी एसटीई नीरज कुमार यादव ने उनकी टिकट चेक की। शफीक और हबीबुल रहमान की टिकट कंफर्म थी। सबी अनवर और अफसर आलम के पास वेटिंग की टिकट थी। हबीबुल के बेटे सरफराज आलम का आरोप है कि एसटीई ने पिता को अपने साथ चलने को कहा। वह प्लेटफार्म तीन से लाइन पार कराते हुए दो नंबर प्लेटफार्म की ओर लाने लगा। एसटीई से पिता ने कहा कि वे सीढिय़ों के रास्ते चल रहे हैं, लेकिन वह नहीं माना और खुद लाइन पार करते हुए दो नंबर प्लेटफार्म पर पहुंच गया। एसटीई के डर से अफसर और सबी अनवर भी उसके साथ पहुंच गए। पिता हबीबुल रहमान व शफीक जब लाइन पार कर रहे थे तभी दिल्ली की ओर से मालगाड़ी आ गई। जिसकी चपेट में आकर पिता के चिथड़े उड़ गए। जीआरपी के इंचार्ज अब्दुल मुईज ने बताया कि मामले में मजदूर के बेटे सरफराज आलम की ओर से एसटीई के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है।
विभागीय स्तर से प्रकरण की जांच शुरू
एनसीआर के पीआरओ अमित सिंहह ने बताया कि मालगाड़ी की चपेट में आकर मजदूर की हुई मौत के मामले में डीटीएम टूंडला संजय कुमार के स्तर से विभागीय जांच शुरू करा दी गई है।
पहले भी लगते रहे हैं आरोप
मजदूर की मौत के मामले में आरोपित कराए गए एसटीई नीरज कुमार यादव पर पहले भी बेटिकट व वेटिंग टिकट पर यात्रा करने वाले मुसाफिरों से सांठ-गांठ के कई गुंभीर आरोप लगते रहे हैं। पिछले दिनों महाबोधि एक्सप्रेस से मोटी रकम लेकर बिहार के ही छह मजदूरों को प्लेटफार्म टिकट के जरिए ट्रेन में सफर कराने के प्रकरण में भी नीरज का नाम सामने आ चुका है, जिसकी विभागीय जांच अभी जारी है।