Corona hit on roadways: घाटे से जूझ रहा रोडवेज, 196 बसें सरेंडर Aligarh News
कोरोना संक्रमण को लेकर लॉकडाउन व अनलॉक-2 में रोडवेज के साथ ही प्राइवेट ट्रैवल्स व ट्रांसपोर्ट संचालकों बेहद घाटे का सामना करना पड़ रहा है।
अलीगढ़ जेएनएन: कोरोना संक्रमण को लेकर लॉकडाउन व अनलॉक-2 में रोडवेज के साथ ही प्राइवेट ट्रैवल्स व ट्रांसपोर्ट संचालकों बेहद घाटे का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में रोडवेज ने घाटे से उबरने को अपनी 196 बसों को आरटीओ दफ्तर में सरेंडर कर दिया है। फिलवक्त परमिट अस्थायी रूप से एक माह के लिए सरेंडर किया गया है। अगर आगे भी पर्याप्त लोड फैक्टर न मिला तो परमिट अवधि बढ़ायी जा सकती है।
अनुबंधित बसों को जल्द सरेंडर करने की प्रक्रिया शुरू
आरएम रोडवेज परवेज खान ने बताया कि अनलॉक -2 में रोडवेज को सवारियां नहीं मिल पा रही हैं। ऐसे में प्रदेश मुख्यालय के निर्देशों पर बसों के परमिट सरेंडर करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। आरटीओ दफ्तर में अलीगढ़ परिक्षेत्र की 686 बसों में से 196 बसों के परमिटों को सरेंडर किया गया है। अभी अनुबंधित बसों को भी जल्द सरेंडर करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
रोडवेज को घाटे से बचाने का प्रयास
उन्होंने बताया कि बुद्ध बिहार की 45, अलीगढ़ डिपो की 43, एटा की 45, हाथरस की 21, कासगंज की 17, अतरौली की 13 व नरौरा डिपो की 12 बसों के परमिट सरेंडर किए गए हैं। उन्होंने बताया कि विभाग को एक बस पर परमिट व रोड टैक्स के रूप में करीब 40 हजार रुपये खर्च करने पड़ते हैं। कॉस्ट कङ्क्षटग के प्रयासों के तहत रोडवेज को घाटे से बचाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।