एएमयू के शताब्दी समारोह को पीएम मोदी ने बनाया ऐतिहासिक Aligarh News

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) ज्ञान का वो खजाना है जहां जिसकी गहराई समुद्र से कम नहीं है। छात्रों के रूप में यहां से ऐसे-ऐसे हीरे निकले हैं जिन्होंने देश ही नहीं विदेशों में इस इदारे का नाम रोशन किया है। यूनिवर्सिटी के लिए वर्ष 2020 स्वर्णिम रहा है।

By Sandeep kumar SaxenaEdited By: Publish:Sun, 10 Jan 2021 06:31 AM (IST) Updated:Sun, 10 Jan 2021 06:31 AM (IST)
एएमयू के शताब्दी समारोह को पीएम मोदी ने बनाया ऐतिहासिक Aligarh News
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) ज्ञान का खजाना है।

अलीगढ़, जेएनएन। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) ज्ञान का वो खजाना है जहां जिसकी गहराई समुद्र से कम नहीं है। छात्रों के रूप में यहां से ऐसे-ऐसे हीरे निकले हैं जिन्होंने देश ही नहीं विदेशों में इस इदारे का नाम रोशन किया है। यूनिवर्सिटी के लिए वर्ष 2020 स्वर्णिम रहा है। इतिहास के ऐसे पन्ने गढ़े गए जो सदियों तक याद किए जाएंगे। साल के आखिर माह दिसंबर में  सर सैयद के चमन ने सौ साल का स्वर्णिम सफर पूरा किया। शताब्दी वर्ष को चार चांद लगे 22 दिसंबर को आयोजित शताब्दी समारोह में। इस दिन आयोजित हुए ऑनलाइन समारोह को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया। पीएम ने एएमयू को मिनी इंडिया का नाम देकर दुनिया भर में फैली अलीग बिरादरी का दिल जी जीत लिया। राष्ट्री निर्माण में योगदार की बात कहकर उन लोगों को संदेश भी दिया जो आए दिन यूनिवर्सिटी की नीति पर सवाल उठाते हैं। यूनिवर्सिटी के लिए ये वो पल था जब देश के किसी तीसरे प्रधानमंत्री ने एएमयू के कार्यक्रम में भाग लिया हो। मोदी से पहले 1948 में पूर्व प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू और 1964 में पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने ही यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम में भाग लिया था। कोरोना काल का असर एएमयू में भी दिखा। कक्षाएं तो बंद हुई हीं हॉल भी खाली कराने पड़े। ऑनलाइन क्लास के जरिए ही छात्रों को पढ़ाया गया। ये काम आज भी जारी है। 

21 वीं सदी के लिए पीएम का संदेश 

एक जनवरी से हम 21 वीं सदी में प्रवेश करेंगे। ये सदी युवाओं की सदी है। पीएम मोदी ने शताब्दी समारोह में यही संदेश यहां के छात्रों को दिया। उन्होंने नए  भारत के निर्माण के लिए शिक्षक व छात्रों से नए विजन के साथ कम करने की अपील की। छात्रों को संदेश दिया कि देश के स्वतंत्रता सैनानियों पर शोक करें जिन पर अभी उतना काम नहीं हुआ है। राष्ट्रनिर्माण में भी युवाओं का सहयोग मांगा। मौलाना आजाद लाइब्रेरी में रखी दुर्लभ पांडुलिपियों का डिजिटल रूप में लाने को भी कहा। पीएम के इस संदेश को अब नए वर्ष में आत्मसात करने का एएमयू के पास मौका होगा। 

यूनिवर्सिटी ने लिखे नए अध्याय 
बीते हुए साल में एएमयू ने कई नए अध्याय लिखे। यूनिवर्सिटी का रूख इस बार केंद्र सरकार की ओर ज्यादा रहा। एएमयू में अभी भाजपा नेताओं से दूरी बनाए रखी गई थी। भाजपा नेताओं के बुलाने के नाम पर हंगामा खड़ा हो जाता था। इस बार पीएम मोदी तो शताब्दीह समारोह में भाग लिया ही 17 अक्टूबर को सर सैयद डे पर मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने ऑनलाइन संबोधित किया। उनके बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने जेएन मेडिकल कॉलेज में निर्मित ऑडीटोरियम का ऑनलाइन उद्घाटन किया। ये साल इस लिए भी अच्छा रहा कि सरकार से यूनिवर्सिटी को  मल्लापुरम व मुर्शिदाबाद केंद्र में हॉस्टल निर्माण के लिए एक करोड़ रुपए भी मिले। सरकार के साथ बाचतीत के खुले दरवाजों को यूनिवर्सिटी के भविष्य के सुखद ही माना जा रहा है। 
कोरोना ने थामी रफ्तार 
सौ साल के सफर में एएमयू की शैक्षणिक गतिविधियां इतने दिन बंद रही हों जितनी कोरोना काल में रहीं। लॉकडाउन के दौरान 38 हजार छात्र-छात्राओं वाले कैंपस में सन्नाटा नजर आता था। छात्रों को ङ्क्षचता इस बात की रहती थी कि वो अपनों के पास कैंसे जाएं। इन छात्रों को  एएमयू व जिला प्रशासन ने रेल व बसों से घर तक पहुंचाया। पूरा सत्र खत्म होने जा रहा है। अभी अधिकांश छात्र घर पर ही हैं। इस बीमारी के चलते प्रवेश परीक्षाएं भीं देरी से हुईं। नौं वीं व छठवीं की प्रवेश परीक्षा सबसे आखिर में  27 दिसंबर को संपनन्न हुईं। 
 
थमी रही खेलों की गति 
कोरोना के चलते एएमयू में खेलों की गति धमी रही। यूनिवर्सिटी के सभी खेल मैदानों पर ताला लगने के कारण खिलाड़ी अभ्यास भी नहीं कर पाए। किसी प्रतियोगिता का आयोजन भी नहीं हो सका। खिलाडिय़ों से हमेशा गुलजार रहने वाला क्रिकेट पवेलियान, एथलेटिक ग्राउंड, फुटबॉल आदि के मैदानों पर खिलाड़ी नजर नहीं आए। 
 
चौथे पायदान पर एएमयू 
साल के जाते-जाते एएमयू को एक खुशखबरी और मिली। ये खुशी थी रैंङ्क्षकग की। विश्व विख्यात विश्वविद्यालय रैंङ्क्षकग एजेंसी यूएस न्यू•ा एंड वल्र्ड रिपोर्ट ने अपनी नई रैंङ्क्षकग में एएमयू को को भारतीय विश्वविद्यालयों में चौथा स्थान दिया। 28 दिसंबर को मिली इस खबर ने यूनिवर्सिटी बिरादरी के शताब्दी समारोह में और चार-चांद लगा दिए। एएमयू कुलपति प्रो. तारिक मंसूर ने इस पर खुशी जताते हुए सभी शिक्षकों एवं छात्रों को बधाई तो दी है उम्मीद भी जगाई की आने वाले सालों में यूनिवर्सिटी और तरक्की करेगी
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