Aligarh's daughter : जोश और जज्‍बे से पाया मुकाम, कभी तेल पेरकर बेचा करती थी पूजा, आज है नेशनल एथलीट

Aligarhs daughter अलीगढ़ के अतरौली के गांव सूरतगढ़ की रहने वाली एथलीट पूजा रानी एक किसान परिवार से हैं। इन्‍होंने खुद तेल पेरा और बेचा साथ ही अपनी प्रैक्‍टिस भी जारी रखी। आज वो आधा दर्जन लड़कियों को एथलेटिक्‍स का प्रशिक्षण दे रही हैं।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Mon, 26 Sep 2022 07:09 AM (IST) Updated:Mon, 26 Sep 2022 07:41 AM (IST)
Aligarh's daughter : जोश और जज्‍बे से पाया मुकाम, कभी तेल पेरकर बेचा करती थी पूजा, आज है नेशनल एथलीट
अतरौली की सूरतगढ़ निवासी नेशनल एथलीट पूजा रानी।

गौरव दुबे, अलीगढ़ । Aligarh's daughter : किसी शायर ने सही कहा है कि ‘वही दूसरों की मदद कर सकता है, जो दर्द के एहसास को समझ सकता है’। अतरौली के गांव सूरतगढ़ की 20 वर्षीय Athlete Pooja Rani ने इन पंक्तियों को अपने जीवन में चरितार्थ किया है। पूजा ने घर पर खुद सरसों की पेराई कर तेल निकालने से लेकर उसको बेचने तक का काम किया, मगर आर्थिक तंगी के बीच अपने खेल को कभी नहीं रुकने दिया। खुद मुकाम हासिल करने के साथ उन्होंने अपने क्षेत्र की आर्थिक रूप से अक्षम आधा दर्जन बेटियों को एथलेटिक्स के विभिन्न इवेंट में निश्शुल्क प्रशिक्षण देकर state level athlete बना दिया। उनकी शिष्याएं राज्यस्तरीय प्रतियोगिताओं में भी प्रतिभाग कर चुकी हैं।

किसान परिवार से है पूजा

हाईजंप की एथलीट पूजा ने बताया कि पिता डोरीलाल किसान हैं। खेतों पर जाने से पहले वे लोगों से सरसों एकत्रित कर घर पर रख देते थे। उसको वे अपनी मां माया देवी के साथ पेरती थीं। फिर जिसकी सरसों होती थी उसके घर पर पहुंचाती थीं। आर्थिक तंगी के बीच खेल को भी जारी रखना था। इसलिए इस काम से जो राशि मिलती थी उसको अपनी प्रैक्टिस व पढ़ाई में लगाती थीं। तीन नेशनल व डेढ़ दर्जन से ज्यादा स्टेट चैंपियनशिप में खेलीं। सभी स्टेट चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीते। 2017 में लखनऊ स्थित स्पोर्ट्स अथारिटी आफ इंडिया (साई) के स्पोर्ट्स हास्टल में दाखिला मिलने की बड़ी सफलता मिली। 2016 में पढ़ाई के साथ हाईजंप व ट्रिपल जंप की प्रैक्टिस शुरू कर दी थी। अब B.P.Ed from AMU करने की औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं, लिस्ट जारी होने का इंतजार है।

बेटियों को निश्शुल्क प्रशिक्षण

पूजा ने बताया कि आठ से 10 महीने पहले उन्होंने अपने क्षेत्र की खेल में रुचि रखने वाली बालिकाओं को प्रशिक्षित करना शुरू किया। उनके प्रशिक्षण में तंगी आड़े न आए, इसलिए निश्शुल्क ही सिखाया। 100 मीटर रेस की एथलीट रश्मि, तीन किलोमीटर व 1500 मीटर रेस की दिशा, 800 मीटर व 1500 मीटर रेस की पूनम, हाईजंप की उमा राजपूत, लांगजंप की नेहा कुमारी को वे प्रशिक्षण देती हैं। ये सभी राज्यस्तर की प्रतियोगिताओं में भाग ले चुकी हैं। अब पदक जीतने के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं।

इनकी सुनो

पूजा दीदी ने रेस की प्रैक्टिस कराने के साथ उसकी तकनीकी बारीकियां भी बताईं। स्टेडियम में कोई कोच नहीं हैं। दीदी के प्रशिक्षण से ही राज्य स्तर तक खेल सके हैं। अब पदक जीतना है।

- दिशा कुमारी, एथलीट

100 मीटर रेस की प्रैक्टिस के साथ तकनीकी टिप्स भी पूजा दीदी ने बताए। स्टेट चैंपियनशिप में प्रतिभाग किया है अभी पदक नहीं जीत सके हैं। उनके ही निर्देशन में कड़ी मेहनत कर रहे हैं।

- रश्मि कुमारी, एथलीट

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