Aligarh News : फर्जी जमीनी दस्‍तावेजों के आधार पर आरोपित की करायी जमानत, अब मुकदमा दर्ज

Aligarh News सिविल लाइन थाने में एडीजे-16 कोर्ट के लिपिक प्रशांत माहेश्वरी ने कूटरचित दस्‍तावेजों के आधार पर हत्‍यारोपित की जमानत लेने वाले के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। इंस्पेक्टर सिविल लाइन प्रवेश राणा ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।

By Santosh SharmaEdited By: Publish:Thu, 06 Oct 2022 12:29 PM (IST) Updated:Thu, 06 Oct 2022 12:29 PM (IST)
Aligarh News : फर्जी जमीनी दस्‍तावेजों के आधार पर आरोपित की करायी जमानत, अब मुकदमा दर्ज
फर्जी दस्तावेजों के आधार पर हत्यारोपित की जमानत लेने के मामले में आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। Aligarh News : फर्जी जमीनी दस्तावेजों के आधार पर हत्यारोपित की जमानत लेने के मामले में आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। सिविल लाइन थाने में एडीजे-16 कोर्ट के लिपिक प्रशांत माहेश्वरी ने मुकदमा दर्ज कराया गया है।

2017 में दर्ज हुआ था हत्‍या का मामला

2017 में सासनी गेट थाने में इस मामले में अपराध संख्या 337/2017 हत्या का मामला दर्ज हुआ था। न्यायालय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, कोर्ट संख्या 16 से हत्यारोपित सराय गढ़ी, सासनी गेट निवासी विनोद की 16 जून 2022 को जमानत अर्जी स्वीकृत हुई थी। लोधा क्षेत्र के असनेता निवासी विनोद और उसके भाई मिट्टन लाल ने ली जमानत ली थी। सिविल लाइन थाने में दर्ज कराए मुकदमा में कहा गया है कि उक्त जामनतियों की ओर से दाखिल जमीनी दस्तावेजों का सत्यापन कराए जाने पर विनोद के नाम ग्राम खतौनी संख्या 110 में कुल रकबा 4.879 हैक्टेयर भूमि में 1/13 भाग अर्थात 0.0715 हैक्टेयर जमीन का स्वामी होने, व मूल्यांकन 1700000 रुपये एवं मिट्टन लाल के नाम ग्राम खतौनी संख्या 110 में 0.0315 हैक्टेयर भूमि का स्वामी होने की आख्या दी गई।

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तहसीलदार कोल ने दी आख्‍या

मूल्यांकन अधिक प्रतीत होने पर तहसीलदार कोल का स्पष्टीकरण लिया गया। उन्होंने अपनी आख्या में बताया कि जमानतियों की ओर से पेश की गई आख्या कूट रचित एवं फर्जी है। तहसील कोल में हरिओम शर्मा लेखपाल एवं सोमेश सिंह उप-निरीक्षक अलीगढ़ कभी तैनात नहीं रहे हैं। इस प्रकार आख्या पर तहसीलदार कोल की मोहर व हस्ताक्षर भी फर्जी है। मिट्टन लाल और उसका भाई विनोद पेशेवर जमानतदार हैं। इनके द्वारा पूर्व में विभिन्न न्यायालयों में अपनी जमानतें प्रस्तुत की हैं, जबकि न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत शपथपत्र में इनके द्वारा यह उल्लेखित किया गया है कि उनकी संपत्ति किसी अन्य जमानतनामे में दर्ज नहीं है। इनके द्वारा दिया गया शपथपत्र भी त्रुटिपूर्ण व जालसाजी का पाया गया। इस आधार पर अदालत ने जमानत को निरस्त करते हुए जमानत लेने वाले जालसाज भाईयों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के आदेश दिए। इंस्पेक्टर सिविल लाइन प्रवेश राणा ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।

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