नौनिहालों का निवाला, बायोमीट्रिक का 'ताला'

सरकार ने जतन-दर-जतन किए कि स्कूलोंं में बच्चों को भोजन ठीक से मिल जाए लेकिन यह फेल हो गए।

By Mukesh ChaturvediEdited By: Publish:Wed, 03 Jul 2019 11:54 AM (IST) Updated:Thu, 04 Jul 2019 01:10 PM (IST)
नौनिहालों का निवाला, बायोमीट्रिक का 'ताला'
नौनिहालों का निवाला, बायोमीट्रिक का 'ताला'

गौरव दुबे, अलीगढ़।  सरकार ने जतन-दर-जतन किए कि स्कूलोंं में बच्चों को भोजन ठीक से मिल जाए लेकिन यह फेल हो गए। अब जिले में ऐसी पहल की गई है कि मध्याह्न भोजन (एमडीएम) में घोटाला संभव नहीं होगा। कक्षा एक से आठ तक के सरकारी स्कूलों में बंटने वाले एमडीएम पर बायोमीट्रिक मशीन का पहरा बिठा दिया है। इससे छात्र संख्या बढ़ाकर कम एमडीएम बांटने व ज्यादा का भुगतान पर रोक लग गई है। प्रदेशभर में अलीगढ़ ही इकलौता जिला है, जहां यह व्यवस्था की गई है। अब पूरे प्रदेश में लागू करने संबंधी प्रस्ताव शासन को भेजा है।

 शुरुआती चरण में जिले के सभी 13 ब्लॉकों के पांच-पांच यानी कि कुल 65 अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को चयनित किया है। भविष्य में बच्चों के एमडीएम खाने की गतिविधि को सीसी टीवी कैमरे में रिकॉर्ड करने की भी तैयारी है। स्कूली प्रबंध समिति स्कूल फंड से 2500-3000 रुपये की बायोमीट्रिक मशीन खरीदेगी। जिले में 1766 प्राइमरी व 733 जूनियर हाईस्कूल समेत कुल 2499 सरकारी स्कूल हैं। इनमें 2.11 लाख विद्यार्थियों को एमडीएम के तहत मेन्यू के अनुसार हर दिन खाना व फल वितरण किया जाता है। प्रयोग की सफलता के बाद इसे आगे बढ़ाने पर विचार होगा।

हर बच्चे का होगा डाटा फीड
किसी स्कूल में 150 विद्यार्थी हैं तो हर विद्यार्थी का डाटा व फिंगर प्रिंट बायोमीट्रिक में सुरक्षित किया जाएगा। निरीक्षण में ये भी देखा जाएगा कि बाद में बच्चों की जबरन उपस्थिति तो नहीं लगवाई। इसकी रिपोर्ट शासन को ऑनलाइन जाएगी।

बिजली व्यवस्था भी सुधरेगी
बायोमीट्रिक का उपयोग उन स्कूलों में किया जा रहा है, जहां बिजली की व्यवस्था है।

एमडीएम बजट की राशि

खाद्यान्न, रसोइया मानदेय, फल

17 करोड़, 06 करोड़, 02 करोड़

(सभी धनराशि रुपये में)

एमडीएम मेन्यू

सोमवार - रोटी-सब्जी व फल

मंगलवार - चावल व सब्जी युक्त दाल

बुधवार - कोफ्ता-चावल व उबला गर्म दूध

गुरुवार - रोटी व सब्जी युक्त दाल

शुक्रवार - सोयाबीन बरी युक्त तहरी

शनिवार - चावल व सोयाबीन युक्त सब्जी

ब्लॉक, स्कूल

अकराबाद, 05

अतरौली, 05

बिजौली, 05

चंडौस, 05

धनीपुर, 05

गंगीरी, 05

गौंडा, 05

इगलास, 05

जवां, 05

खैर, 05

लोधा, 05

टप्पल, 05

अलीगढ़ नगर, 05

ऐसे आया विचार

बीएसए डॉ. लक्ष्मीकांत पांडेय ने बताया कि कार्यालय में कुछ प्रपत्रों पर हस्ताक्षर करने थे। बायोमीट्रिक व एमडीएम के कागज एक साथ थे। इन पर निगाह पड़ी तो दिमाग में आया कि एमडीएम को बायोमीट्रिक से जोड़ दें। इस पर सभी बीईओ संग योजना तैयार की। एमडीएम घपले पर निश्चित ही लगाम लगेगी।

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