पोखरों को बचाने उतरा नगर निगम, कब्‍जे हटाकर कराई जाएगी पैमाइश Aligarh news

पोखराें की बेशकीमती भूमि पर बढ़ रहे कब्जों पर अंकुश लगाने के लिए नगर निगम ने निगरानी बढ़ा दी है। पोखरों की पैमाइश भी फिर से शुरू कराई जा रही है जिससे मौजूदा स्थिति का पता चल सके।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Fri, 04 Dec 2020 04:43 PM (IST) Updated:Fri, 04 Dec 2020 05:49 PM (IST)
पोखरों को बचाने उतरा नगर निगम, कब्‍जे हटाकर कराई जाएगी पैमाइश  Aligarh news
पोखरों की पैमाइश भी फिर से शुरू कराई जा रही है,

अलीगढ़, जेएनएन : पोखराें की बेशकीमती भूमि पर बढ़ रहे कब्जों पर अंकुश लगाने के लिए नगर निगम ने निगरानी बढ़ा दी है। पोखरों की पैमाइश भी फिर से शुरू कराई जा रही है, जिससे मौजूदा स्थिति का पता चल सके। निगम के रिकार्ड में पोखर की जितनी भूमि दर्ज है, उतनी भूमि मौके पर कब्जा मुक्त है भी या नहीं। किसी तरह का अतिक्रमण मिलने पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी। 

नगर निगम के रिकार्ड में 21 पोखर

नगर निगम के रिकार्ड में 21 पाेखर शहर में हैं। इनमें 10 पोखरों में पानी है, पांच पाेखर सूख चुकी हैं। छह पोखरों पर कब्जे हो रहे हैं। पांच का मामला न्यायालय में विचाराधीन है। इसके अलावा कभी मिट्टी का भराव कर तो कहीं बाउंड्री लगाकर पोखर की भूमि को कब्जाने का प्रयास किया जा रहा है। पिछले ही दिनों भदेशी रोड पर कालीदह पोखर में मिट्टी का भराव कर कई वर्गमीटर भूमि पर कब्जे का प्रयास किया गया था। सूचना पर तत्काल पहुंची नगर निगम की टीम ने कार्रवाई की। जेसीबी से मिट्टी हटवाई गई। हालांकि, एक बड़े हिस्से में मिट्टी अभी भी पड़ी हुई है। प्रकरण में कई लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। इससे पूर्व एटा चुंगी इलाके में विकास नगर पोखर की भूमि कब्जाने की कोशिश की गई। यहां फर्जी बैनामे कराकर प्लॉट काट लिए गए। निगम ने यहां भी कार्रवाई की थी। उधर, सासनीगेट क्षेत्र में मायापुरी पोखर पर प्लॉट काट लिए गए। कूड़ा डालकर अाधी से ज्यादा पोखर पाट दी। इस पोखर की पैमाइश भी कराई जाएगी। 

गूलर रोड पोखर प्रकरण से हुए सतर्क

गूलर रोड पोखर प्रकरण के बाद निगम अधिकारी सर्तक हो गए हैं। यहां नगर आयुक्त रहे सत्यप्रकाश पटेल की अगुवाई में गूलर रोड पोखर के काफी बड़े हिस्से को कब्जा मुक्त कराया गया था। कई मुकदमे दर्ज कराए। कब्जा मुक्त हुई इस भूमि की कीमत करीब 22 करोड़ रुपये आंकी गई। इस मामले में नगर निगम को काफी विरोध भी झेलना पड़ा था। माननीयों का काेप भाजन बनना पड़ा। यही वजह रही कि पोखर पर पूरी तरह से कब्जा नहीं हट सका। जिन लोगों के बैनामे थे, वे कोर्ट चले गए। अब निगम अधिकारी पोखर के मामलों में हर कदम फूंक-फूंककर रख रहे हैं। सभी पोखरों की पैमाइश के साथ फोटोग्राफी भी कराई जाएगी। जिससे तथ्य मजबूत रहें। 

इनका कहना है

नगर निगम की किसी भी संपत्ति पर कब्जा नहीं होने दिया जाएगा। जल संचय का प्रमुख स्रोत पोखरों पर निगरानी बढ़ा दी गई है। पैमाइश कराई जाएगी। कब्जा करने वालों पर मुकदमे दर्ज होंगे। 

प्रेम रंजन सिंह, नगर आयुक्त

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