थाने में पेंटिंग्स के जरिए दिया नारी सशक्तिकरण, स्वावलंबी बनने का संदेश

सासनीगेट थाने में दीवारों पर की गई पेंटिंग्स ध्यान खींच रही हैं। यह नारी सशक्तिकरण, स्वावलंबी बनने के साथ जागरूकता का संदेश भी दे रही है।

By Edited By: Publish:Mon, 24 Sep 2018 09:00 AM (IST) Updated:Mon, 24 Sep 2018 09:11 AM (IST)
थाने में पेंटिंग्स के जरिए दिया नारी सशक्तिकरण, स्वावलंबी बनने का संदेश
थाने में पेंटिंग्स के जरिए दिया नारी सशक्तिकरण, स्वावलंबी बनने का संदेश

अलीगढ़ (जेएनएन)।  सासनीगेट थाने में दीवारों पर की गई पेंटिंग्स ध्यान खींच रही हैं। यह नारी सशक्तिकरण, स्वावलंबी बनने के साथ जागरूकता का संदेश भी दे रही है। यह संभव हो सका है महिला इंस्पेक्टर अरुणा राय के प्रयासों से। थाने के मुख्य द्वार से बाउंड्रीवाल व अन्य दीवारों पर पेंटिंग की गई है।

चुप्पी तोड़ो, खुलकर बोलो
थाने में प्रवेश द्वार पर ही चुप्पी तोड़ो, खुलकर बोलो...का स्लोगन और बगल की दीवार पर चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 के प्रचार प्रसार, मेरी ताकत 1090 वूमेन पावर लाइन, गेट के ठीक सामने की दीवार पर तिरंगे झंडे के साथ ही उत्तर प्रदेश पुलिस का लोगो व अफसर की तस्वीर आकर्षित करती हैं। थाने में दफ्तर के बाहर की दीवार पर मॉडर्न आट्र्स के तहत बनी पेंटिंग से खुले आसमान में जीवन की ऊंचाइयों को पाने की उड़ान, आजादी के विभिन्न रंगों को प्रदर्शित किया गया है। प्रकृति को हरा-भरा रखने के लिए गमलों को भी संजाया-संवारा गया है। पॉलीथिन व प्लास्टिक से बनी चीजों का प्रयोग न करने की अपील की गई है।

फीडबैक को शिकायत पेटिका
आपराधिक मामलों में महिलाएं केवल पीडि़त की हैसियत से ही थानों में नहीं आतीं। वे आरोपित व गवाह के रूप में भी पहुंचती हैं। उनकी पीड़ा व सुझावों को जानने के लिए थाने में फीडबैक व शिकायत पेटिका रखी गई है। इंस्पेक्टर का कहना है कि इससे न केवल पुलिस जनभावनाओं के अनुरूप काम कर सकेगी, बल्कि पीडि़त को जल्द न्याय दिलाने लिए शिकायतों का निपटारा भी किया जा सकेगा। इससे महिलाओं में उत्‍साह बढेगा ताकि वह समाज में इज्‍जत के साथ सिर उठा कर जिएं।

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