इब्ने सिना अकादमी ने बताया, ऐसे हो सकता है मानसिक मरीजों में सुधार Aligarh News

इब्ने सिना अकादमी अलीगढ़ ने एक ”ब्रेन अवेयरनेस वीक” की मेजबानी की जिसमें विशेषज्ञों ने मानसिक स्वास्थ्य के विभिन्न पहलुओं और मानसिक बीमारी के इलाज में वैज्ञानिक प्रगति स्वस्थ जीवन शैली के साथ मानसिक स्वास्थ्य पर चर्चा की।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 04:57 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 04:57 PM (IST)
इब्ने सिना अकादमी ने बताया, ऐसे हो सकता है मानसिक मरीजों में सुधार Aligarh News
इब्ने सिना अकादमी, अलीगढ़ ने एक ”ब्रेन अवेयरनेस वीक” की मेजबानी की।

अलीगढ़, जेएनएन। इब्ने सिना अकादमी, अलीगढ़ ने एक ”ब्रेन अवेयरनेस वीक” की मेजबानी की, जिसमें विशेषज्ञों ने मानसिक स्वास्थ्य के विभिन्न पहलुओं और मानसिक बीमारी के इलाज में वैज्ञानिक प्रगति, स्वस्थ जीवन शैली के साथ मानसिक स्वास्थ्य पर चर्चा की और इससे बचने जैसे मुद्दों मनोभ्रंश का जोखिम, मानसिक स्वास्थ्य में सुधार, और मस्तिष्क विज्ञान का दैनिक जीवन पर प्रभाव पर प्रकाश डाला।

जीवन शैली का बताया महत्‍व

इब्ने सिना अकादमी को मस्तिष्क जागरूकता सप्ताह की मेजबानी के लिए अंतर्राष्ट्रीय मस्तिष्क अनुसंधान संगठन की एशिया-प्रशांत क्षेत्रीय समिति (एपीआरसी-आईबीआरओ) द्वारा चुना गया था। अकादमी ने ‘न्यूरोसाइंस फ्राम एंशिएंट टू माडर्न‘ पर एक कार्यक्रम की मेजबानी की।”ब्रेन सेफ्टी फाइंडिंग मेडिसिनल प्लांट्स इन मार्फिन एडिक्शन पर एक वेबिनार में जेएन मेडिकल कालिज एएमयू के डा० सैयद जिया उर्रहमान ने मार्फिन एडिक्शन के एनिमल माडल्स में मिरिस्टिका फ्रेग्रेन्स और डेल्फीनियम डाइनोडाटम के फायदों के बारे में बताया। डा० इमरान जहीर (शकरा, सऊदी अरब) ने भी इस विषय पर अपने अवलोकन और अनुभव प्रस्तुत किए।

डा० अंकिता मिश्रा (मुंबई) ने मार्फिन एडिक्शन के एनिमल माडल्स में मिरिस्टिका फ्रेगरेंस के विभिन्न पहलुओं पर बात की, जबकि डा० अहमद जी फहम ने मॉर्फिन एडिक्शन के एनिमल मॉडल्स में मिरिस्टिका फ्रेगरेंस पर बात की। मुख्य अतिथि प्रोफेसर एम. फखरूल हुदा (अध्यक्ष, न्यूरोसर्जरी विभाग, जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कालेज, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय) ने इब्न सिना अकादमी के दुर्लभ और प्राचीन अभिलेखागार, पुस्तकों और पुरावशेषों पर आधारित तंत्रिका विज्ञान पर एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। डा० रमन एम. शर्मा (न्यूरोसर्जरी विभाग, जेएनएमसी, एएमयू) और डॉ संजीव शर्मा (सलाहकार, एसएएसएमआईटी न्यूरो केयर एंड ट्रामा सेंटर, विक्रम कॉलोनी, अलीगढ़) ने इस अवसर पर सम्मानित अतिथि के रूप में भाग लिया।

डा० अहमर हसन (रेज़ीडेंट, फार्माकोलॉजी विभाग, जेएनएमसी, एएमयू) ने प्रदर्शनी में शामिल प्रकाशनों पर एक पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन दिया। प्रदर्शनी में प्राचीन पुस्तक ऐन अल-हयात (पांडुलिपि, 1532 में मुहम्मद इब्न यूसुफ अल-हरवी द्वारा अरबी में लिखी गई) शामिल थी। इसे उम्र बढ़ने के विषय पर पहला पाठ माना जाता है, जिसकी केवल चार प्रतियां दुनिया भर के विभिन्न पुस्तकालयों में उपलब्ध हैं। पांच सौ साल पुराना यह काम बुजुर्गों के स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले भोजन, जलवायु और आवास सहित व्यवहार और जीवन शैली के सभी पहलुओं पर प्रकाश डालता है। इसका उर्दू अनुवाद हकीम सैयद जल उर्रहमान (अध्यक्ष, इब्न सिना अकादमी) द्वारा किया गया है, भी शामिल थीं।

टिकटों का बनाया कोलाज

कार्यक्रम में स्कूली बच्चों के लिए मस्तिष्क और तंत्रिका विज्ञान पर पेंटिंग, निबंध और कविता प्रतियोगिताएं शामिल थीं और विजेताओं को प्रमाण पत्र और नकद पुरस्कार से सम्मानित किया गया। लेडी फातिमा स्कूल, अलीगढ़ में छठी कक्षा के सैयद फैज रहमान ने इब्न सिना अकादमी में तंत्रिका विज्ञान कलाकृतियों पर मूल पोस्टकार्ड और टिकटों का एक कोलाज बनाया।

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