स्वास्थ्य महकमा तैयार, अब कोरोना वैक्सीन का इंतजार, विभाग ने ऐसे की तैयारी Aligarh News
कोरोना वैक्सीन अगले माह आने की संभावना है। अलीगढ़ में स्वास्थ्य विभाग की युद्ध स्तर पर तैयारी हो रही है। प्रथम चरण में करीब 12 हजार सरकारी व निजी स्वास्थ्य कर्मी सूचीबद्ध हो गए हैं। शहर व देहात के उन स्थलों का निर्धारण भी हो चुका है
अलीगढ़, विनोद भारती। कोरोना वैक्सीन अगले माह आने की संभावना है। अलीगढ़ में स्वास्थ्य विभाग की युद्ध स्तर पर तैयारी हो रही है। प्रथम चरण में करीब 12 हजार सरकारी व निजी स्वास्थ्य कर्मी सूचीबद्ध हो गए हैं । शहर व देहात के उन स्थलों का निर्धारण भी हो चुका है, जहां पर वैक्सीन लगाई जानी है। वैक्सीनेटर के अलावा पिछले दिनों जिला टास्क फोर्स का प्रशिक्षण भी हो चुका है। जो लोग रह गए हैं, उन्हें प्रशिक्षण दिया जा रहा है। शासन से साफ निर्देश हैं कि वैक्सीनेशन से जुड़ी तमाम तैयारियां 31 दिसंबर तक हर हाल में पूरी कर ली जाएं।
34 कोल्ड चैन तैयार, 16.80 लाख वैक्सीन की क्षमता
स्वास्थ्य विभाग ने वैक्सीन रखने के लिए 34 कोल्ड चैन तैयार की हैं। इनमें दो से आठ डिग्री तक तापमान पर वैक्सीन रखने की सुविधा है। इसके लिए अब 58 आइस लाइंड रेफ्रिजरेटर (आइएलआर) चालू हैं। कोल्ड चैनों की कुल क्षमता 16.80 लाख है। यानि, विभाग चाहे तो दो लंबे चरणों में वैक्सीनेशन का कार्य पूरा कर सकता है।
पहले चरण में 15 हजार को वैक्सीन
पहले चरण में 15 हजार डोज दिए जाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें सरकारी व निजी अस्पतालों के डाॅक्टर व हेल्थ वर्कर्स (नर्स, फार्मासिस्ट, वार्ड ब्वाॅय, स्वीपर, चौकीदार आदि) प्रमुखता से शामिल किए जाएंगे। कुल 808 वैक्सीनेटर बनाए गए हैं। वैक्सीन की डोज के बाद करीब आधा घंटे तक लाभार्थी की दो सदस्यी टीम मानीटरिंग करेगी, जिसमें एक महिला व पुरुष कर्मी शामिल होगा। यदि मरीज को कोई परेशानी होती है तो अपने पास मौजूद किट की सहायता से उन्हें इलाज मुहैया कराएगी। संभव हुआ तो उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराने की व्यवस्था करेगी।
चार बातों की सीख मिलेगी
वैक्सीन लगाने के बाद भी विभाग कोरोना वायरस को लेकर बेफिक्र नहीं होगा। लाभार्थी को बूथ से जाते समय चार बातों की सीख मुख्य रूप से दी जाएगी। पहला उसे बताया जाएगा कि वैक्सीन क्यों लगाई जा रही है? दूसरा रिएक्शन होने पर किससे और कहां संपर्क करना है? तीसरा कब अस्पताल आना है? और सबसे अहम चौथी बात ये होगी कि मरीज को समझा जाएगा कि वैक्सीन लगने का मतलब ये नहीं कि कोरोना का खतरा खत्म हो गया। वैक्सीन के बाद भी पहले की तरह मास्क का इस्तेमाल, हाथों को सैनिटाइज व शारीरिक दूरी के नियम का पालन करते रहना है।
नए स्ट्रोन पर भी नजर
भारत में भी कोरोना के नए स्ट्रोन वाले मरीज सामने आए हैं। ऐसे में सरकार और स्वास्थ्य विभाग गंभीर हो गया है। नए स्ट्रोन वाले मरीजों को पुराने स्ट्रोन वाले मरीजों से अलग रखने का प्रयास होगा। यहां दीनदयाल अस्पताल में 12 बेड का वार्ड आरक्षित कर दिया गया है। इसमें महिला व पुरुषों के लिए छह-छह बेड के ब्लाॅक हैं।
वैक्सीनेशन के लिए पूरी तैयारी है। जनवरी के प्रथम सप्ताह में वैक्सीन की संभावना है, अन्यथा दूसरे सप्ताह में वैक्सीन मिल जाएगी। कोल्ड चैन व वैक्सीन बूथ तैयार हैं। लोगों से अपील है कि पहले की तरह ही सतर्कता बनाए रखें।
- डाॅ. बीपीएस कल्याणी, सीएमओ।