इलेक्ट्रोनिक्स बाजार की चमक फीकीः दुकानों पर मंदी जैसे हालातों से शोरूम संचालक चिंतित aligarh news

महंगाई रियल स्टेट पर मंदी की मार और आर्थिक मंदी के बढ़ते खतरे के चलते शहर के इलेक्ट्रॉनिक्स बाजारों की चमक फीकी हो गई है।

By Mukesh ChaturvediEdited By: Publish:Mon, 19 Aug 2019 01:18 AM (IST) Updated:Mon, 19 Aug 2019 03:35 PM (IST)
इलेक्ट्रोनिक्स बाजार की चमक फीकीः दुकानों पर मंदी जैसे हालातों से शोरूम संचालक चिंतित aligarh news
इलेक्ट्रोनिक्स बाजार की चमक फीकीः दुकानों पर मंदी जैसे हालातों से शोरूम संचालक चिंतित aligarh news

अलीगढ़ (जेएनएन)।  इलेक्ट्रॉनिक्स  बाजार के लिए पहचाने जाने वाले सेंटर प्वाइंट की दुकानों फिलहाल ग्र्राहकों का टोटा है। कभी दिनभर व्यस्त रहने वाले यहां के इलेक्ट्रॉनिक्स दुकानों के संचालक खाली बैठे हैं। हालात यह हैं कि पिछले कुछ दिनों में कइयों ने नौकरों की छुïट्टी कर दी है। यह कह कर घर भेजा है कि बाजार उठेगा तो बुला लेंगे। यह हाल मात्र एक बाजार की दुकानों का नहीं। महंगाई, रियल स्टेट पर मंदी की मार और आर्थिक मंदी के बढ़ते खतरे के चलते शहर के इलेक्ट्रॉनिक्स बाजारों की चमक फीकी हो गई है। पिछले सालों में इन दिनों इलेक्ट्रॉनिक्स के शोरूमों पर दुकानदारी कम न थी, लेकिन अब हालात मंदी जैसे हैं। बड़े शोरूमों पर बिक्री में 50 से 60 फीसद की गिरावट आई है।

कम है बिक्री

नेशनल व मल्टी नेशनल कंपनियों के डीलर अपेक्षा के अनुसार बिक्री नहीं कर पा रहे। गोदाम स्टॉक से भरे हुए हैं। महानगर में छह बड़े शोरूम हैं। विभिन्न कंपनियों के सात डीलर हैं। इनके शोरूमों पर एलईडी टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, एसी, कूलर, ओवन, मिक्सी-जूसर, ग्र्रांडर व अन्य घरेलू  इलेक्ट्रॉनिक्स सामान मिलता है। 40 आउटलेट हैं। इन सभी शोरूम से सीजन में (गर्मी सहालग व दीवाली) में 40 करोड़ रुपये की बिक्री होती रही है। यह आंकड़ा इस बार 10 करोड़ रह गया है। ऑफ सीजन में जितनी बिक्री होती थी, उसमें भी 50 से 60 फीसद गिरावट है। ऐसे में कारोबारियों को खर्चा निकालना भी मुश्किल हो रहा है।

मोबाइल बाजार में भी सन्नाटा

स्मार्ट मोबाइल फोन की बिक्री में भी गिरावट आई है। ऑन लाइन मार्केट के बाद रिटेल क्षेत्र में उतरी मोबाइल फोन व अन्य इलेक्ट्रोनिक्स उत्पादन के क्षेत्र उतरी कंपनियों को भी निराशा ही हाथ लगी है। नए मोबाइल लांच करने पर बुकिंग नहीं मिल पा रही है। कारोबारी अजय कुमार का कहना है कि ऑफ सीजन में जितनी बिक्री होती थी, अब उसमें 50 से 60 फीसद की गिरावट है। इस बार सीजन में भी बाजार रफ्तार नहीं पकड़ सका। गौरव हरकुट का कहना है कि बाजार में मंदी जैसे हालात हैं। बिक्री में भारी गिरावट आई है। खर्चा निकालना भी मुश्किल हो रहा है। यही हाल रहा तो कर्मचारियों की छटनी करनी होगी।

मंदी की मार से नहीं उभरे

शिखा जुनेजा का कहना है कि रियल स्टेट मंदी की मार से नहीं उभर रहा। इसके चलते इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार की रौनक ही चली गई। बिक्री में आई गिरावट चिंतित कर रही है। लगता है ग्राहकों के पास पैसा नहीं है। अंकित गुप्ता का कहना है कि ग्राहकों में जागरुकता आई है। ऑन लाइन ट्रेडिंग में धोखे की कई वारदातें सामने आई हैं। इससे ग्र्राहक ऑन लाइन ट्रेडिंग से बचने लगे हैं। इनकी शोरूमों पर फिर वापसी हो रही है। लोकेश मित्तल का कहना है कि मैंने छह माह पहले ही शोरूम खोला है। उम्मीद से 70 फीसद बिक्री में गिरावट है। इससे निराशा हाथ लगी है। अपेक्षा के अनुसार बिक्री न हो तो खर्चे भी नहीं निकल पाते।

बजट नहीं

ममता गुप्ता का कहना है कि नया फ्लैट  लिया है। एलईडी टीवी खरीदने के लिए कई बार सोचा, मगर बजट नहीं बन पाता। पति सरकारी नौकरी में हैं। मैं स्कूल में प्राध्यापक हूं। विवेक मित्तल का कहना है कि मोबाइल फोन बाजार में भारी गिरावट है। कंपनी ने इस माह स्मार्ट मोबाइल फोन का नया मॉडल लांच किया है। महीनों की बुकिंग सप्ताह में सिमट गई है। शुभम अरोरा का कहना है कि कंपनी बाजार में मोबाइल की खपत के लिए जोर दे रही हैं, जबकि बाजार से ग्राहक  गायब हैं। मंदी जैसा महसूस होने लगा है। हो सकता है कुछ दिनों में हालात सुधर जाएं।

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