Crime History of 100 Murdered Dr. Devendra:100 हत्या करने वाला अलीगढ़ का डॉ. देवेंद्र शर्मा दिल्‍ली में गिरफ्तार, कासगंज में फेंकता था शव

गुरुग्राम किडनी कांड में शामिल रहे अलीगढ़ के डॉ. देवेंद्र शर्मा को दिल्‍ली में गिरफ्तार कर लिया गया है।

By Sandeep SaxenaEdited By: Publish:Thu, 30 Jul 2020 07:19 AM (IST) Updated:Thu, 30 Jul 2020 10:57 AM (IST)
Crime History of 100 Murdered Dr. Devendra:100 हत्या करने वाला अलीगढ़ का डॉ. देवेंद्र शर्मा दिल्‍ली में गिरफ्तार, कासगंज में फेंकता था शव
Crime History of 100 Murdered Dr. Devendra:100 हत्या करने वाला अलीगढ़ का डॉ. देवेंद्र शर्मा दिल्‍ली में गिरफ्तार, कासगंज में फेंकता था शव

अलीगढ़ जेएनएन: गुरुग्राम किडनी कांड में शामिल रहे अलीगढ़ के डॉ. देवेंद्र शर्मा को दिल्‍ली में गिरफ्तार कर लिया गया है। उसने वर्ष 2002 से 2004 के बीच दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में सौ से अधिक टैक्सी चालकों की हत्या की। शवों को अलीगढ़ मंडल के जिला कासगंज की हजारा कैनाल में फेंक देता था। इस हरकत से उसकी पत्नी और बच्चों ने वर्ष 2004 में ही उसे छोड़ दिया था।

विधवा से की शादी
अलीगढ़ के छर्रा थाना क्षेत्र के पुरैनी गांव का रहने वाला 62 वर्षीय देवेंद्र शर्मा शातिर किस्‍म का अपराधी निकला। उसने बिहार के सिवान से बीएएमएस (बैचलर ऑफ आयुर्वेद मेडिसिन एंड सर्जरी) की डिग्री ली थी। पैरोल पर बाहर आने के बाद पुलिस से बचने के लिए दिल्ली में एक विधवा से शादी की और उसके साथ रहते हुए प्रॉपर्टी का काम करने लगा। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के डीसीपी राकेश पावेरिया ने बताया कि सूचना मिली कि सीरियल किलर और हत्या के एक मामले में ताउम्र सजायाफ्ता देवेंद्र शर्मा जयपुर की सेंट्रल जेल से जनवरी में 20 दिन के पैरोल पर बाहर आने के बाद से फरार है और दिल्ली में छुपा हुआ है। उसे दिल्ली के बपरोला की गली नंबर दस के एक मकान से गिरफ्तार कर लिया गया है।

ये है डॉ देवेंद्र की क्रााइम हिस्ट्रीट्री

पूछताछ में देवेंद्र शर्मा ने बताया कि सिवान से बीएएमएस में स्नातक करने के बाद 1984 से 11 वर्ष तक जयपुर के बांदीकुई में जनता अस्पताल और डायग्नोस्टिक्स के नाम से क्लिनिक चलाया। 1982 में शादी हुई। वर्ष 1994 में थापर चैंबर में भारत फ्यूल कंपनी के कार्यालय ने गैस डीलरशिप देने की योजना चलाई। उसने इसमें 11 लाख रुपये का निवेश किया था, लेकिन कंपनी के अचानक गायब होने से उसका पैसा डूब गया। वर्ष 1995 में अलीगढ़ के छर्रा में भारत पेट्रोलियम की एक नकली गैस एजेंसी शुरू की। उस दौरान पास के गांव दलालपुर निवासी राज, उदयवीर और वेदवीर के संपर्क में आया। उनके साथ मिलकर चालक की हत्या करके एलपीजी सिलेंडर ले जाने वाले ट्रकों को लूटना शुरू किया। फर्जी गैस एजेंसी में सिलेंडर उतारकर मेरठ में लूटे गए ट्रक को बेचते थे। डेढ़ वर्ष बाद उसे नकली गैस एजेंसी चलाने के लिए गिरफ्तार किया गया। इसके बाद वर्ष 2001 में उसने फिर अमरोहा में नकली गैस एजेंसी शुरू की।

 किडनी गिरोह में ऐेसे हुआ शामिल
1994 में भारी नुकसान के बाद वह जयपुर, बल्लभगढ़, गुरुग्राम और अन्य जगह चल रहे अंतरराज्यीय किडनी प्रत्यारोपण गिरोह में शामिल हो गया। उसे गुरुग्राम में डॉ. अमित द्वारा संचालित अनमोल नर्सिंग होम में किडनी रैकेट मामले में वर्ष 2004 में गिरफ्तार किया गया। 1994 से 2004 तक वह अवैध रूप से किए गए 125 से अधिक किडनी प्रत्यारोपण के लिए उसने किडनी देने वाले लोगों की व्यवस्था की। एक प्रत्यारोपण में उसे 5-7 लाख रुपये मिलते थे। इसी दौरान वह जयपुर गया और 2003 तक अपना क्लिनिक चलाता रहा।

चालक की हत्या कर टैक्सी लूट लेता था डॉ देवेंद्र  
इस दौरान उन लोग के संपर्क में आया, जो अलीगढ़ जाने के लिए टैक्सी किराये पर लेते और फिर चालक की हत्या कर टैक्सी लूट लेते थे। वे कासगंज के हजारा नहर में शव को फेंकते थे, जिसमें मगरमच्छ होते हैं, इसलिए किसी का भी शव नहीं मिलता था। लूटी हुई टैक्सी को कासगंज और मेरठ में 20-25 हजार रुपये में बेचता था। उसकी गिरफ्तारी के बाद उससे कार खरीदने वाले सभी लोगों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उसने माना कि वह ऐसी 50 से ज्यादा हत्याओं का मास्टरमाइंड रहा है। हालांकि वह सौ से अधिक टैक्सी चालकों की हत्याओं में शामिल रहा था। इस संबंध में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में मामले दर्ज किए गए थे। वर्ष 2002-2004 में हुई कई हत्या के मामलों में उसे गिरफ्तार किया गया और आधा दर्जन मामलों में दोषी भी ठहराया गया था। इनदिनों वह जयपुर में एक हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था। उसकी पत्नी और बच्चों ने वर्ष 2004 में ही उसे छोड़ दिया। पैरोल पर बाहर आने के बाद वह पैतृक गांव गया।

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