डाक्टर परेशान, आइएमए ने प्रशासन से लिखित में मांगी गाइडलाइन! Aligarh news

नियम स्पष्ट न होने से डॉक्टरों का हो रहा उत्पीडऩ। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने प्रशासन पर लगाया भेदभाव का आरोप।

By Parul RawatEdited By: Publish:Mon, 08 Jun 2020 05:23 PM (IST) Updated:Mon, 08 Jun 2020 05:23 PM (IST)
डाक्टर परेशान, आइएमए ने प्रशासन से लिखित में मांगी गाइडलाइन! Aligarh news
डाक्टर परेशान, आइएमए ने प्रशासन से लिखित में मांगी गाइडलाइन! Aligarh news

अलीगढ़, [जेएनएन] । कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज करने की बजाय उन्हें मेडिकल कॉलेज रेफर कर रहे प्राइवेट डॉक्टरों पर प्रशासन कार्रवाई के मूड में है। इसे लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने प्रशासन पर भेदभाव का आरोप लगाया है।

सुविधा नहीं, रेफर की एकमात्र रास्ता

शनिवार को हाईटेक पैथोलॉजी लैब पर अध्यक्ष डॉ. विपिन गुप्ता व सचिव डॉ. भरत वाष्र्णेय ने कहा कि अस्पताल में मरीज को ऐसी किसी सुविधा की जरूरत पड़ जाए तो कहां रेफर करें? हमारे पास इसका कोई विकल्प नहीं है। मरीज को कुछ हो जाए तो कसूरवार भी डॉक्टर ही होगा। कई मरीज अलीगढ़ से बाहर जाने के लिए सक्षम नहीं होते। ऐसे में उन्हें रेफर करना ही पड़ता है। प्रशासन द्वारा हॉस्पिटल और क्लीनिक को हॉट-स्पॉट बताना भी गलत है। वर्तमान में जो भी कानून नियम बन रहे हैं, वह सिर्फ और सिर्फ रजिस्टर डॉक्टर के लिए ही बने हैं। झोलाछाप के लिए कुछ नहीं है।

सरकारी और प्राइवेट चिकित्सकों में भेदभाव

पदाधिकारियों ने कहा कि प्राइवेट चिकित्सकों को होम क्वारंटाइन से मना किया जा रहा है, जबकि मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों को अनुमति है। यह भेदभाव क्यों? किसी अस्पताल में पॉजिटिव केस निकलने पर स्टाफ व मरीजों की अपने खर्च पर कोरोना जांच का हुक्म जारी होता है। प्रशासन बताए कि क्या वायरस अस्पताल में ही बनाया गया था, जिसकी सजा संचालक को दी गई है। एक प्रमुख बैंक के मेन ब्रांच में कर्मी पॉजिटिव पाए गए तो क्या उस बैंक के लिए भी इसी तरीके का कोई आदेश पारित हुआ (प्रमुख का कपड़ा व्यापारी के यहां भी)। प्रशासन के इस रवैये से डॉक्टरों में भय है। उन्हें समझ नहीं आ रहा कि मरीजों को देखे या नहीं, भर्ती करें या नहीं। कोषाध्यक्ष डॉ. अभिषेक कुमार ङ्क्षसह ने कहा कि प्रशासन लिखित में गाइडलाइन उपलब्ध कराए।

कोरोना अस्पताल में नहीं मिला कमरा

आइएमए पदाधिकारियों ने कहा कि कि शनिवार रात हमारे चिकित्सक के संक्रमित परिवार को देररात अतरौली कोरोना अस्पताल शिफ्ट किया गया। रात को ऐसा कौन सा सर्कुलर आ गया। अतरौली पहुंचने के बाद उन्हें दो घंटे तक कोई कमरा उपलब्ध नहीं हुआ। रात एक बजे कमरा मिल पाया। वे होम आइसोलेशन की इजाजत मांग रहे थे। इसके लिए जगह व अन्य सुविधा भी थी।

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