'दिल्ली सरकार ने चखाई थी मुफ्त की अफीम, केंद्र ने भी लागू की'; मोदी-केजरीवाल पर जमकर बरसे आकाश आनंद

UP Politics बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक आकाश आनंद ने मुफ्त राशन वितरण पर निशाना साधते हुए कहा कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने मुफ्त की अफीम चखाई थी जिसे केंद्र सरकार ने भी लागू कर दिया। हमारे मेहनत के पैसे से यह मुफ्त की अफीम बांटी जाती है। सरकार पूरे साल में 1200 रुपये का राशन देते हैं। युवाओं को 15-20 हजार की नौकरी नहीं दे सकते।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek Pandey Publish:Sun, 14 Apr 2024 08:52 AM (IST) Updated:Sun, 14 Apr 2024 08:52 AM (IST)
'दिल्ली सरकार ने चखाई थी मुफ्त की अफीम, केंद्र ने भी लागू की'; मोदी-केजरीवाल पर जमकर बरसे आकाश आनंद
'दिल्ली सरकार ने चखाई थी मुफ्त की अफीम, केंद्र ने भी लागू की'; मोदी-केजरीवाल पर जमकर बरसे आकाश आनंद

जागरण संवाददाता, अलीगढ़। (Lok Sabha Election 2024) बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक आकाश आनंद ने मुफ्त राशन वितरण पर निशाना साधते हुए कहा कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने मुफ्त की अफीम चखाई थी, जिसे केंद्र सरकार ने भी लागू कर दिया।

हमारे मेहनत के पैसे से यह मुफ्त की अफीम बांटी जाती है। सरकार पूरे साल में 1200 रुपये का राशन देते हैं। युवाओं को 15-20 हजार की नौकरी नहीं दे सकते। 1200 रुपये के बदले डेढ़ से दो लाख रुपये का चूना लगाया जा रहा है। यही गुजरात मॉडल है। पेपर लीक कराने से गुजरातियों का व्यापार चल रहा है। पेपर लीक होता है तो युवाओं की उम्मीदें टूटती हैं।

हाथरस में नीले झंडे लहराते और नारे लगाते लोगों को सचेत करते हुए कहा, कुछ दलों ने अपने बहुरूपिये आपके बीच में छोड़ दिए हैं। यह लोग खुद को बाबा साहब का अनुयायी बताते हैं। जय भीम का नारा लगाते हैं।

आकाश आनंद ने विपक्ष पर साधा निशाना

विपक्षी पार्टियों को समर्थन देने की बात कहते हैं। ऐसे बहुरूपियों से सावधान रहना है। कुछ लोग अफवाह फैलाते हैं कि हाथी किताब के बोझ के तले दबा है। यह किताब नहीं बल्कि संविधान है। जो मायावती के खिलाफ है, वह कांशीराम, बाबा साहब, संविधान, बहुजन समाज के खिलाफ है।

अलीगढ़ में आनंद ने कहा कि भाजपा से सवाल करिएगा कि 10 साल में हमारे समाज के लिए क्या किया? शिक्षा, सुरक्षा व रोजगार इन तीन विषयों पर सवाल करिएगा। इस सरकार ने सिर्फ धोखा दिया है। जब हमारे समाज के बच्चे पढ़ेंगे नहीं तो इतिहास नहीं जानेंगे, रोजगार नही होगा तो अपनी लड़ाई नहीं लड़ पाएंगे।

बड़ी शान से बताते हैं कि मंदिर बनाया, क्या आप फावड़ा लेकर गए थे, या पैसे लगाए हैं नहीं, ये सुप्रीम कोर्ट ने बनवाया है। तारीफ तो तब है जब बाबरी मस्जिद के लिए आवाज उठाएं और उसको बनवाने का काम करें।

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