अव्यवस्थाओं पर भड़के नवोदय विद्यालय के बच्चे, जाम-प्रदर्शन Hathras News

बिजली कटौती गंदगी एवं पेयजल की समस्या पर भड़के जवाहर नवोदय विद्यालय अगसौली के विद्यार्थियों ने मथुरा रोड पर जाम लगा दिया।

By Sandeep SaxenaEdited By: Publish:Thu, 25 Jul 2019 09:57 AM (IST) Updated:Thu, 25 Jul 2019 09:57 AM (IST)
अव्यवस्थाओं पर भड़के नवोदय विद्यालय के बच्चे, जाम-प्रदर्शन Hathras News
अव्यवस्थाओं पर भड़के नवोदय विद्यालय के बच्चे, जाम-प्रदर्शन Hathras News

हाथरस (जेएनएन)। सिकंदराराऊ में बिजली कटौती, गंदगी एवं पेयजल की समस्या पर भड़के जवाहर नवोदय विद्यालय अगसौली के विद्यार्थियों ने मथुरा रोड पर जाम लगा दिया। प्रधानाचार्य के स्थानांतरण की मांग भी उठाई। मथुरा-बरेली मार्ग पर करीब दो घंटे तक जाम लगा रहा। वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। इस दौरान बच्चों को मनाने में पुलिस प्रशासन के अफसरों को पसीने छूट गए।

अव्यवस्थाओं का बोलबाला

तीन दिन से पड़ रही भीषण गर्मी में दिन रात की विद्युत कटौती से जनमानस कराह उठा है। ऐसी भीषण गर्मी में स्कूली छात्र कई दिन से बिजली कटौती झेल रहे थे। पेयजल की भी बेहतर व्यवस्था नही है। जेनरेटर खराब है। विद्यालय परिसर में गंदगी का साम्राज्य है। भारी अव्यवस्थाओं के साथ बिजली की भारी कटौती से बुधवार सुबह साढ़े छह बजे छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने स्कूल के सामने मथुरा-बरेली मार्ग पर बैठकर जाम लगा दिया। जमकर हंगामा काटा। छात्रों ने प्रधानाचार्य पर अवैध वसूली एवं विद्यालय में दूषित भोजन देने का भी आरोप लगाया। उनका कहना था कि प्रधानाचार्य उनकी समस्याओं का समाधान करने में अक्षम हैं। छात्रों में प्रधानाचार्य के तबादले की मांग भी उठाई।

यात्री रहे परेशान

नगर के प्रमुख मार्ग पर करीब दो घंटे तक लगे जाम से वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। यात्री बिलबिला उठे। सूचना पाकर उपजिलाधिकारी रामजी मिश्र एवं कोतवाल डीके सिसौदिया मौके पर पहुंचे। एसडीएम ने छात्रों की समस्याओं को गम्भीरता से सुना। समाधान का आश्वासन दिया, तब विद्यार्थी रोड से हटे। दो घंटे बाद मार्ग पर यातायात सुचारू हो पाया।

वास्तव में बदहाल हैं हालात

सिकंदराराऊ एसडीएम रामश्री मिश्र का कहना है कि बच्चों ने नवोदय विद्यालय में व्याप्त खामियों के बारे में अवगत कराया। निरीक्षण के दौरान उनकी सभी शिकायतें सही पाई गईं। जितना बच्चों ने बताया उससे भी ज्यादा बदहाल स्थिति देखने को मिली। ऐसा लगा कि प्रिंसिपल ने कभी स्कूल का निरीक्षण ही नहीं किया है। वहां मानसिक व आर्थिक शोषण की भी शिकायतें मिलीं। बच्चों की प्रमुख मांग प्रिंसिपल के स्थानांतरण की है। विस्तृत रिपोर्ट बना कर जिलाधिकारी को भेज दी है।

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