धरणीधर पर तेज बारिश में ढह गई प्राचीन राममंदिर की दीवार Aligarh news
महंत विपिन बिहारी दास का कहना है कि मंदिर काफी पुराना है। मंदिर का कोई ट्रस्ट नहीं है जो मरम्मत कार्य करा सके। दीवार गिरने के बाद मंदिर सुरक्षित नहीं है। यदि जल्द दीवार की मरम्मत नहीं हुई तो मंदिर का अन्य हिस्सा भी ढह सकता है।
अलीगढ़, जेएनएन । कस्बा बेसवां स्थित ऋषि विश्वामित्र की तपोस्थली तीर्थधाम धरणीधर सरोवर पर प्राचीन श्रीराम मंदिर है। शुक्रवार की रात को तेज बारिश से मंदिर की पिछले हिस्से की दीवार सरोवर में ढह गई। यह घटना उस समय हुई जब मंदिर के पिछले हिस्से के कमरों में गांव अहमदगढ़ी के 84 कोष परिक्रमा से आए 20 यात्री ठहरे हुए थे, जो बाल-बाल बच गए। एक व्यक्ति चोटिल हुआ है। महंत विपिन बिहारी दास का कहना है कि मंदिर काफी पुराना है। मंदिर का कोई ट्रस्ट नहीं है, जो मरम्मत कार्य करा सके। दीवार गिरने के बाद मंदिर सुरक्षित नहीं है। यदि जल्द दीवार की मरम्मत नहीं हुई तो मंदिर का अन्य हिस्सा भी ढह सकता है।
नहीं है आय का स्रोत
मंदिर पर कोई आय का स्रोत नहीं है। चढ़ावा भी इतना नहीं आता कि व्यवस्थाओं को पूरा किया जा सके। पहले धरणीधर की व्यवस्थाओं को देखने के लिए स्थानीय लोगों ने समिति बनाई थी। वह समिति भी काफी समय से निष्क्रिय है। राम भक्त खरग सिंह अपनी निजी आमदनी से सेवा तथा बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए खाने की व्यवस्था करते हैं।
राम भक्तों से आस
मंदिर के सेवादरों को अब राम भक्तों से आस है। भक्तों के सहयोग से मंदिर का जीर्णोद्धार किया जा सकता है। व्यास रूपकिशोर का कहना है कि जनप्रतिनिधियों इस ओर विशेष ध्यान देना चाहिए।
इनका कहना है
ईओ व उच्चाधिकारियों से इस संबंध में वार्ता की जाएगी कि नगर पंचायत स्तर से क्या प्रयास किए जा सकते हैं। मनोज कुमार, चेयरमैन बेसवां