Aligarh Poisonous Liquor Case : 33 और दुकानों पर अनिल-ऋषि दोनों के खंगाले जा रहे हैं तार

जिले में 59 शराब की दुकानों से माफिया के तार जुड़े होने की पूरी संभावना जताई गई है। जांच में अबतक आए मामले में 26 दुकानें निलंबित भी की जा चुकी हैं। इसमें 21 देसी शराब की और पांच बीयर की दुकानें हैं।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Publish:Sat, 12 Jun 2021 10:11 AM (IST) Updated:Sat, 12 Jun 2021 10:11 AM (IST)
Aligarh Poisonous Liquor Case : 33 और दुकानों पर अनिल-ऋषि दोनों के खंगाले जा रहे हैं तार
जिले में 59 शराब की दुकानों से माफिया के तार जुड़े होने की पूरी संभावना जताई गई है।

अलीगढ़, जेएनएन। जिले में 59 शराब की दुकानों से माफिया के तार जुड़े होने की पूरी संभावना जताई गई है। जांच में अबतक आए मामले में 26 दुकानें निलंबित भी की जा चुकी हैं। इसमें 21 देसी शराब की और पांच बीयर की दुकानें हैं। इन दुकानों से शराब माफिया अनिल चौधरी और ऋषि शर्मा के तार जुड़े हुए बताए जा रहे हैं। अभी 33 और दुकानों से भी इन दोनों माफिया के जुड़ाव का पता लगाया जा रहा है। जांच में पकड़े जाने पर इनके भी लाइसेंस रद किए जाएंगे। शासन के लगातार दवाब पड़ने से आबकारी विभाग की टीम दिनरात जांच में जुटी है। किसी भी दुकान से माफिया का जुड़ाव हुआ तो उसे तुरंत निलंबित कर दिया जाएगा।

सेल्समैनों से भी पूछताछ

जहरीली खराब से जिले में अबतक 109 लोगों की मौत हो चुकी है। जिन 33 दुकानों पर अभी संदेश जताया जा रहा है, उसकी गहन जांच चल रही है। अब माफिया के अकाउंट खंगाले जाएंगे। यदि उन्होंने इन दुकानों से संबंधित कहीं भी लेनदेन किया तो पकड़ में आ जाएगा। साथ ही यह भी देखा जाएगा कि इन दुकानों पर दोनों माफिया ने कहीं अपने सेल्समैन और आदमी तो नहीं बिठा रखें थे। इसलिए सेल्समैनों से भी पूछताछ की जाएगी। इससे कहीं भी तार जुड़े होंगे तो पकड़ में तुरंत आ जाएंगे।

बाहरी जिले के ठेकेदारों को दिया जा सकता है मौका

शासन का इतना दवाब है कि अब जिले के तमाम ठेकदार शराब के काराेबार से तौबा करना चाह रहे हैं। दुकानें निलंबित होने के बाद वो इस कारोबार में नहीं आना चाहते हैं। हालांकि, ये ठेके काफी फायदे में चल रहे थे। इसलिए माफिया लंबे समय से इन पर कब्जा जमाए हुए थे। अब चूंकि इन्हें निलंबित किया जा रहा है तो नए ठेकेदार आने से कतरा रहे हैं। उन्हें डर है कि कहीं वो भी पकड़े न जाएं। इसलिए अब बुलंदशहर, कासगंज, मेरठ आदि जिलों के शराब के कारोबारियों भी ठेका दिया जा सकता है, जिससे नए सत्र में दुकानें चलती रहें। हालांकि, अभी 24 निलंबित दुकानों को प्रतिदिन के हिसाब से ठेके पर उठाए जाने की तैयारी चल रही है, क्योंकि टेंडर आदि निकालने में समय लगेगा, जिससे आबकारी विभाग को नुकसान उठाना पड़ेगा।

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