राम मंदिर के लिए बन रही विराट रामायण, वजन और लागत में लगने वाली रकम जानकर दबा लेंगे दांतों तले उंगलियां

अयोध्या में नव्य भव्य और दिव्य श्रीराम मंदिर निर्माण की पहली वर्षगांठ पर अनूठा उपहार भेजा जाएगा। आगरा का श्रीकृष्ण ग्रंथालय धरोहर संस्थान स्टील की विराट रामायण तैयार करा रहा है। इसका वजन तीन क्विंटल (तीन हजार किलोग्राम) होगा। इस रामायण के पन्ने पलटने के लिए मशीन लगी होगी। वाल्मीकि रामायण के श्लोकों को उकेरने का काम तेजी पर चल रहा है।

By Jagran NewsEdited By: Shivam Yadav Publish:Wed, 17 Apr 2024 11:15 PM (IST) Updated:Wed, 17 Apr 2024 11:15 PM (IST)
राम मंदिर के लिए बन रही विराट रामायण, वजन और लागत में लगने वाली रकम जानकर दबा लेंगे दांतों तले उंगलियां
राम मंदिर के लिए बन रही विराट रामायण।

संदीप शर्मा, आगरा। अयोध्या में नव्य, भव्य और दिव्य श्रीराम मंदिर निर्माण की पहली वर्षगांठ पर अनूठा उपहार भेजा जाएगा। आगरा का श्रीकृष्ण ग्रंथालय धरोहर संस्थान स्टील की विराट रामायण तैयार करा रहा है। इसका वजन तीन क्विंटल (तीन हजार किलोग्राम) होगा। इस रामायण के पन्ने पलटने के लिए मशीन लगी होगी। 

वाल्मीकि रामायण के श्लोकों को उकेरने का काम तेजी पर चल रहा है। संस्थान की अध्यक्ष आराधना सैनी ने बताया कि कोरोना काल में धार्मिक ग्रंथों को सहेजने का विचार आया। इसके लिए पहले स्टील का जैन ग्रंथ तैयार किया गया। इसका आकार छोटा था। 

अयोध्या में श्रीराम मंदिर के लिए उपहार भेजने की जानकारी मिली तो संस्थान ने रामायण की कृति बनाने की योजना बनाई। प्रयोग के रूप में महर्षि वाल्मीकि रामायण के महात्म्य का छोटा स्वरूप तैयार किया। 

नवंबर में वृंदावन में स्वामी प्रेमानंद जी महाराज को इसे दिखाया। उन्होंने प्रयास की सराहना की। इसके बाद विराट रामायण की योजना बनी और उस पर काम शुरू हुआ। स्टील की 70 पृष्ठ की रामायण पर काम तेजी पर चल रहा है। 

अगले वर्ष अयोध्या में श्रीराम मंदिर की स्थापना की वर्षगांठ पर यह कृति विशेष वाहन से अयोध्या भेजी जाएगी। संस्थान के सचिव सागर शर्मा के अनुसार इस संबंध में अयोध्या मंदिर प्रबंध समिति से वार्ता हो चुकी है। 

कारखाने में पृष्ठ तैयार किए जा रहे हैं। दिसंबर तक इसे पूरा करने का लक्ष्य है। प्रूफ रीडिंग की जिम्मेदारी संस्कृत के विद्वान हरिशंकर सिंघल संभाल रहे हैं। 

ऐसी होगी विराट रामायण

70 पृष्ठ की इस रामायण के एक पृष्ठ का आकार पांच फीट लंबा और ढाई फीट चौड़ा होगा।  24 हजार श्लोक, 500 उप खंड और सात कांड को स्टील के पृष्ठों पर रंग-बिरंगी स्याही से उकेरा जाएगा। प्रथम पृष्ठ पर देश की प्रमुख क्षेत्रीय भाषाओं में छंद लिखे जाएंगे। इसकी लागत एक करोड़ रुपये होगी।

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