UP Chunav 2022: अखिलेश...बस नाम ही काफी है, मैनपुरी के रण में सपा को जानिए क्यों नहीं चाहिए कोई स्टार चेहरा

UP Assembly Election 2022 सपा ने प्रचार के लिए नहीं मांगी किसी बड़े नेता की सभा। मैनपुरी के करहल विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव। करहल आएंगे सिर्फ नामांकन दाखिल करने।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Tue, 25 Jan 2022 04:12 PM (IST) Updated:Tue, 25 Jan 2022 04:12 PM (IST)
UP Chunav 2022: अखिलेश...बस नाम ही काफी है, मैनपुरी के रण में सपा को जानिए क्यों नहीं चाहिए कोई स्टार चेहरा
करहल विधानसभा क्षेत्र से चुनावी रण में उतरे हैं सपा मुखिया अखिलेश यादव।

आगरा, दिलीप शर्मा। सियासी समर में सूरमा पूरी ताकत झोंक रहे हैं। खुद की कसरत के साथ अपने-अपने दलों के स्टार प्रचारकों का साथ चाहते हैं। परंतु समाजवादी पार्टी इस बार सबसे अलग दिख रही है। पार्टी मुखिया अखिलेश यादव मैनपुरी जिले की करहल सीट से चुनाव लड़ने जा रहे हैं। ऐसे में पार्टी को लग रहा है कि अखिलेश यादव का नाम ही सियासी रण के लिए काफी है। ऐसे में पार्टी ने किसी स्टार प्रचारक के लिए कोई डिमांड नहीं भेजी है। सपा मुखिया से भी केवल नामांकन के लिए ही आने का अनुरोध किया गया है। पार्टी नेता चुनाव की पूरी कमान पूर्व सांसद तेज प्रताप यादव के नेतृत्व में खुद ही संभालने की बात कह रहे हैं।

सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मैनपुरी जिले की करहल सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा की है। इसके बाद से पार्टीजन उत्साह में डूबे हैं। करहल पर बीते चुनावों से सपा जीत रही है और बीते चुनाव में रिकार्ड अंतर से विजयी रही थी। इस बार दावा उससे भी बड़ी जीत का किया जा रहा है। पार्टी संगठन की रणनीति है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष को केवल नामांकन के लिए ही बुलाया जाएगा।

यही रणनीति वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के लिए अपनाई गई थी। तब मुलायम सिंह ने केवल एक सभा की थी। चुनावी प्रचार का जिम्मा स्थानीय नेताओं ने उठाया था। अब पार्टी अपने स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर चुकी है, परंतु स्थानीय संगठन ने उनमें से किसी से भी जिले में प्रचार कराने की इच्छा नहीं जताई है। सपा जिलाध्यक्ष देवेंद्र सिंह यादव ने बताया कि चुनाव के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष का नाम ही काफी है। संगठन की ओर से यहां प्रचार के लिए पार्टी के किसी स्टार प्रचारक की डिमांड भी नहीं भेजी गई है। पूरा जिम्मा स्थानीय स्तर पर ही संभाला जाएगा। वैसे कई नेता अपनी मर्जी से खुद भी प्रचार के लिए आ सकते हैं।

आयोग की रोक हटी तो एक सभा कर सकते हैं अखिलेश

पार्टी संगठन की इच्छा है कि अखिलेश यादव केवल एक बार ही यहां आएं। हालांकि अभी चुनाव आयोग ने सार्वजनिक सभाओं पर रोक लगा रखी है। माना जा रहा है कि आगे यदि यह प्रतिबंध हटता है तो सपा मुखिया जिले में एक सभा कर सकते हैं। 

chat bot
आपका साथी