चढ़ते पारे ने गड़बड़ा दिया 'थर्मोस्टेट', हीट स्ट्रोक का बढ़ा खतरा

जागरण संवाददाता, आगरा: दिन पर दिन गर्मी भीषण रूप लेती जा रही है। प्रतिदिन पारा बढ़ रहा है। ऐसे में श

By JagranEdited By: Publish:Sun, 13 May 2018 04:00 PM (IST) Updated:Sun, 13 May 2018 04:00 PM (IST)
चढ़ते पारे ने गड़बड़ा दिया 'थर्मोस्टेट', हीट स्ट्रोक का बढ़ा खतरा
चढ़ते पारे ने गड़बड़ा दिया 'थर्मोस्टेट', हीट स्ट्रोक का बढ़ा खतरा

जागरण संवाददाता, आगरा: दिन पर दिन गर्मी भीषण रूप लेती जा रही है। प्रतिदिन पारा बढ़ रहा है। ऐसे में शरीर का थर्मोस्टेट पूरी तरह से गड़बड़ाता जा रहा है। विगत तीन से पड़ रही भीषण गर्मी रविवार को भी सुबह से ही पूरे जोर पर थी। शनिवार की रात पंखे- कूलर बेअसर हो रहे थे तो रविवार सुबह से ही तेज धूप के कारण लोग बैचेन रहे। हालत यह है कि धूप में खड़े होते ही सिर दर्द और आंख में चुभन हो रही है। पैरों में जकड़न और बार-बार प्यास लग रही है। ऐसा पारा 45 डिग्री पहुंचने से शरीर में थर्मोस्टेट के गड़बड़ाने से हो रहा है। इससे हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ गया है।

एसएन मेडिकल कॉलेज के फिजीशियन डॉ. मृदुल चतुर्वेदी ने बताया कि मस्तिष्क में हाइपोथैलेमस में स्थित थर्मोस्टेट बाहर के तापमान के हिसाब से शरीर के तापमान को नियंत्रित रखता है। तापमान 45 डिग्री के पार जाने पर थर्मोस्टेट गड़बड़ाने लगता है। इससे हीट एग्जोस्ट की समस्या होती है। इसमें सिर में दर्द, आंखों में चुभन और पैरों में जकड़न होने लगती है। इसके बाद भी धूप में ज्यादा देर खड़े रहते हैं तो थर्मोस्टेट काम करना बंद कर देता है। इससे शरीर का तापमान 105 से 106 डिग्री तक पहुंच जाता है। शरीर से पसीना आना बंद होने लगता है, चक्कर आने के बाद बेहोश हो जाते हैं। इसके बाद भी धूप में रहते हैं तो हीट स्ट्रोक से मौत तक हो सकती है। बच्चों को डीहाइड्रेशन के साथ शॉक

एसएन के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरज यादव ने बताया कि तापमान बढ़ने पर बच्चों को उल्टी और दस्त हो रहे हैं। पानी पिलाने पर भी उल्टी हो जाती है, दो साल तक के बच्चों में उल्टी और दस्त से ब्लड वॉल्यूम कम होने लगता है। इससे खून गाढ़ा हो जाते है। इसके बाद भी शरीर में पानी न पहुंचने पर वह शॉक में जा सकता है। रीनल फेल्योर के साथ ही दिमाग में थक्का जम सकता है। ऐसे केस में मौत तक हो सकती है। बच्चों में उल्टी दस्त होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं

इस मौसम में उल्टी दस्त होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। ऐसे केस में आइवी फ्ल्यूड दिया जाता है, जिससे बच्चा डी हाइड्रेशन का शिकार न हो। नीबू शिकंजी और मट्ठा लें

शरीर में पानी की कमी न हो, इसके लिए सादा पानी के बजाय नीबू शिकंजी और मट्ठा पीएं। घर पर तैयार किए गए तरल पदार्थ का सेवन अधिक करें। चाय और कॉपी ना पीएं। हीट स्ट्रोक में ये करें

- शरीर से पसीना न आने और बेहोश हो जाने पर तुरंत छांव में लिटा दें।

- शरीर के कपड़े उतार दें, शरीर पर पानी डालें और पानी का कपड़ा बगलों में लगा दें, इसके बाद पंखा चला दें। इससे शरीर का तापमान कम हो जाएगा।

- इसके बाद भी बेहोश रहती है तो आइवी फ्ल्यूड दिया जाता है।

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