चांद की सोलह कलाओं के साथ चमकेगा ताज, मौका है खास
शरद पूर्णिमा पर चांद अपनी सोलह कलाओं के साथ चमकेगा। बुधवार की रात ताजमहल के लिए कुछ खास होगी।
आगरा: शरद पूर्णिमा पर चांद अपनी सोलह कलाओं के साथ चमकेगा। बुधवार की रात ताजमहल के लिए कुछ खास होगी। ताज पर श्वेत चांदनी में चमकी देखने का सालभर इंतजार रहता है। इसे लेकर पर्यटकों में खासा उत्साह है। एक दिन पहले मंगलवार को भी रात्रिकालीन सारे आठ स्लॉट दिन में ही बुक हो गए। इसके चलते बाद में आए पर्यटकों को टिकट नहीं मिल सका।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) के अधीक्षण पुरातत्वविद बसंत कुमार ने बताया कि शरद पूर्णिमा के सारे टिकट बुक हो चुके हैं। बुधवार को आठ ग्रुप में 400 लोग ताज का रात्रि दीदार करेंगे। अगले दिन गुरुवार को भी पर्यटक ताज के रात्रि दर्शन का लाभ ले सकते हैं। वहीं चांद की चमक से ताज का हुस्न मंगलवार को भी अपने शबाब में दिखा। इसकी चमक देख पर्यटक रोमांचित हुए। 267 पर्यटकों ने पांच ग्रुप में ताज का दीदार किया। इनमें 45 विदेशी पर्यटक शामिल थे।
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क्या है चमकी
चमकी का तात्पर्य है धवल चांदनी में ताज के संगमरमर पर चमकती किरणों की अठखेलियां। शरद पूर्णिमा पर यह चमक इसलिए अधिक देखने को मिलती है क्योंकि चांद पृथ्वी के सबसे निकट होता है। चांदनी रात में ताज की दीवार में लगे पत्थर झिलमिलाते से दिखाई देते हैं। इसी को देखकर लोग कहते हैं ये चमकी, वो चमकी.। अन्य पूर्णिमा पर कम बिकते टिकट
आम तौर पर पूर्णिमा पर पूरे टिकट नहीं बिकते हैं। लेकिन शरद पूर्णिमा का क्रेज आज भी सात समंदर पार तक है। तमाम विदेशी सैलानी भी यहां पहुंचे हैं। जिन्हें ताज का टिकट नहीं मिल पाता। वे आसपास किसी होटल की छत से ताज पर धवल आभा का दीदार करने की कोशिश करते हैं। मौसम ने भी जगाई उम्मीद
अमूमन शरद पूर्णिमा पर ताजनगरी में धुंध छा जाती है पर इस बार मौसम साफ है। रॉयल गेट या मेहताब बाग से ताज पर चमकी का नजारा दिखाई दे सकता है। हालांकि मुख्य मकबरे की दूरी इन दोनों ही जगह से काफी ज्यादा है।