Taj Mahal Damage Due To Rain: मौसम ने बार-बार किया है ताज का सीना छलनी, जानिए क्‍यों डराती है 11 अप्रैल

Taj Mahal Damage Due To Rain 11 अप्रैल 2018 को 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आया था तूफान। रॉयल गेट और दक्षिणी गेट के पिलर टूट गए थे 100 से अधिक पेड़ टूटे थे।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Sat, 30 May 2020 04:14 PM (IST) Updated:Sat, 30 May 2020 04:14 PM (IST)
Taj Mahal Damage Due To Rain: मौसम ने बार-बार किया है ताज का सीना छलनी, जानिए क्‍यों डराती है 11 अप्रैल
Taj Mahal Damage Due To Rain: मौसम ने बार-बार किया है ताज का सीना छलनी, जानिए क्‍यों डराती है 11 अप्रैल

आगरा, निर्लोष कुमार। शुक्रवार को तेज आंधी ने मोहब्बत की अनमोल निशानी ताजमहल को क्षति पहुंचाई। इससे पूर्व 11 अप्रैल, 2018 की शाम 6:45 बजे आए तूफान में ताजमहल कांप उठा था। ताज के जेहन में उस दिन बरपे कुदरत के कहर की यादें आज भी ताजा हैं। 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आए तूफान और डेढ़ घंटे में 65 एमएम से अधिक हुई बारिश ने स्मारक को काफी क्षति पहुंचाई थी। 100 से अधिक पेड़ों को नुकसान पहुंचा था। इसकी भरपाई को लंबे समय तक संरक्षण कार्य चला था।

11 अप्रैल, 2018 को आए तूफान में रॉयल गेट का उत्तरी-पश्चिमी जिगजैग पिलर और छज्जा टूटकर वीडियो प्लेटफार्म पर आ गिरा था। फर्श के पत्थर धंसने के साथ ही वहां बनी रैंप टूट गई थी। दक्षिणी गेट का करीब आठ फुट ऊंचा उत्तरी-पश्चिमी पिलर टूट गया था। दीवार पर गिरने से उसका पत्थर चटक गया था। पिलर का ऊपरी पत्थर गिरने से नीचे बनी सीढ़ी का पत्थर टूट गया था। मुख्य मकबरे में यमुना किनारा की तरफ बॉर्डर में लगे काले संगमरमर के पत्थर टूटकर नीचे गिरे थे।

गुंबद में लगे कुछ छोटे पत्थर भी निकल गए थे। पूर्वी गेट स्थित सरहिंदी बेगम के मकबरे के गुंबद पर लगा गुलदस्ता, पश्चिमी गेट स्थित फतेहपुरी बेगम के मकबरे का गुलदस्ता, सती उन्निसा के मकबरे पर लगा गुलदस्ता टूट गए थे। मेहमानखाना में कई जगह से पच्चीकारी के पत्थर के टुकड़े निकल गए थे।

फतेहपुरी मस्जिद की बुर्जी में क्रेक आ गया था। वहीं, जामा मस्जिद में मुख्य गुंबद का कलश टूट गया था। दीवान-ए-खास व मुसम्मन बुर्ज की छत में दरार आ गई थी। सिकंदरा व दिल्ली गेट को भी क्षति पहुंची थी।

22 दिन में दो बार आया था तूफान

तब ताजमहल ने 22 दिन में दो बार तूफान को झेला था। 2018 में 11 अप्रैल को 130 किमी प्रति घंटे और दो मई को 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तूफान आया था। दो मई को आए तूफान में ताज को नुकसान नहीं पहुंचा था, लेकिन फतेहपुर सीकरी में बादशाही दरवाजे के बरामदे में बुर्जी का छज्जा, जनाना रोजा की दो बुर्जियों के छज्जे टूटे थे। रंगमहल के ऊपरी हिस्से के पत्थर गिर गए थे।

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