ताजमहल का तहखाना खुलवाने की याचिका पर टिकीं आगरा की निगाहें, बेताबी से हो रहा फैसले का इंतजार

Taj Mahal Controversy ताजमहल घूमने आने वाले पर्यटकों के सवाल छुड़ा रहे हैं अब गाइडों का पसीना। विवाद के बारे में कर रहे हैं गाइडों से जानकारी। शिव मंदिर होने को लेकर पूछे जाने लगे हैं सवाल। दोपहर बाद मामले में आएगा फैसला।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Thu, 12 May 2022 01:28 PM (IST) Updated:Thu, 12 May 2022 01:28 PM (IST)
ताजमहल का तहखाना खुलवाने की याचिका पर टिकीं आगरा की निगाहें, बेताबी से हो रहा फैसले का इंतजार
ताजमहल के बाहर पर्यटकों के बीच भी तहखानों को लेकर याचिका पर चर्चा चल रही है।

आगरा, जागरण संवाददाता। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में ताजमहल के बंद तहखाने को खोलने के लिए दोपहर दो बजे के बाद सुनवाई होनी है। अयोध्या निवासी डा. रजनीश सिंह द्वारा दायर की गई याचिका पर शहरवासियों, पर्यटन कारोबारियों और पर्यटकों की भी निगाहें लगी हुई हैं। ताजमहल या शिव मंदिर तेजोमहालय विवाद पर पर्यटकों के सवाल गाइडों का पसीना छुटा रहे हैं। उन्हें वह ताजमहल का निर्माण शाहजहां द्वारा ही कराने का हवाला दे रहे हैं।

करीब दो दशक से गाइडिंग का काम कर रहे अमित दत्ता (डीओटी गाइड) ने बताया कि शनिवार को जर्मन एंबेसी में तैनात पर्यटक के परिवार को उन्होंने ताजमहल का भ्रमण कराया था। उसका नाम तो उन्हें याद नहीं है, लेकिन उसकी पत्नी का नाम जेनी था। ताजमहल में भ्रमण के दौरान जर्मन पर्यटक और उसके बच्चों ने पूछा था कि यह ताजमहल है या शिव मंदिर है।

उन्होंने स्पष्ट कहा कि यह शाहजहां द्वारा तामीर कराया गया ताजमहल है। शिव मंदिर नहीं है। इस पर पर्यटक दंपती ने उनसे पूछा कि भारत में इतनी कंट्रोवर्सी क्यों होती है। उन्होंने कहा कि 135 करोड़ की आबादी वाले देश में इस तरह की कंट्रोवर्सी चलती रहती हैं।

मुंबई से आए छिब्बर दंपती ने भी उनसे इस विवाद के बारे में पूछा था। यूपीटी गाइड तुषार दान ने कहा कि ताजमहल व तेजोमहालय का विवाद खड़ा होने के बाद पर्यटकों द्वारा इस तरह के सवाल पूछना लाजिमी है। उनका यही मानना है कि एएसआइ को स्मारक के बंद हिस्सों को खोलना चाहिए। इससे सच सामने आएगा तो किसी तरह के सवाल भी खड़े नहीं होंगे। 

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