आगरा की सीमा को मिली सफलता, सहायक अध्यापक के रूप में ज्वाइन की नौकरी, कहा 'थैंक्‍यू जागरण'

दैनिक जागरण ने सीमा के दर्द और जंग को किया था साझा। पिछले एक साल से विश्वविद्यालय और बीएसए कार्यालय के काट रही थी चक्कर। सीमा कुमारी के पति विमल किशोर ने 2004-05 में विश्वविद्यालय से बीएड किया था। एसआइटी की सूची में उनका रोल नंबर टैंपर्ड में आ गया।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Mon, 11 Oct 2021 06:47 PM (IST) Updated:Mon, 11 Oct 2021 06:47 PM (IST)
आगरा की सीमा को मिली सफलता, सहायक अध्यापक के रूप में ज्वाइन की नौकरी, कहा 'थैंक्‍यू जागरण'
लंबी लड़ाई के बाद आखिर सीमा को पति के निधन के बाद सहायक अध्‍यापक पद पर नौकरी मिल गई।

आगरा, जागरण संवाददाता। पिछले एक साल से डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय और बीएसए कार्यालय के चक्कर काट रही सीमा सिंह को अंतत: सफलता मिल ही गई। नगला केसरी के प्राथमिक विद्यालय में सीमा ने बतौर सहायक अध्यापक नौकरी ज्वाइन कर ली।

यह है मामला

सीमा कुमारी के पति विमल किशोर ने 2004-05 में विश्वविद्यालय से बीएड किया था। एसआइटी की सूची में उनका रोल नंबर टैंपर्ड में आ गया।2016 में उन्होंने प्राथमिक विद्यालय, रुधऊ में नौकरी शुरू कर दी थी। बीएसए ने उन्हें 2019 में नोटिस दिया, 2020 में तनख्वाह रोक ली गई। इस तनाव में वे बीमार हो गए और पिछले साल मार्च में उनकी मृत्यु हो गई। सीमा कुमारी ने अपने पति के स्थान पर नौकरी के लिए प्रत्यावेदन दिया, जिसे नकार दिया गया। इसके बाद उन्होंने स्थाई लोक अदालत में मुकदमा किया। राज्यपाल को पार्टी बनाया, जिस पर विश्वविद्यालय से जवाब दिया गया कि स्व. विमल किशोर का रोल नंबर न तो फेक में है और न ही टैंपर्ड में। सीमा कुमारी अपने पति की डिग्रियों और अंकतालिकाओं को सत्यापित करने के लिए विश्वविद्यालय के चक्कर काट रही थीं।

अगस्त में दैनिक जागरण ने शुरू की मुहिम

इस मामले की जानकारी दैनिक जागरण को अगस्त माह में मिली। खबर प्रकाशित की गई, सीमा के दर्द और उसकी परेशानियों को साझा किया गया।खबर के माध्यम से बताया गया कि किस तरह विश्वविद्यालय से सत्यापित पत्र प्राप्त करने के लिए उससे रुपये भी मांगे गए। कुलपति से मुलाकात कराई। सत्यापित पत्र सहायक कुलसचिव कार्यालय से बीएसए कार्यालय तक पहुंचाया गया। बीएसए कार्यालय ने सत्यापित पत्र के आधार पर सीमा को ज्वाइनिंग लैटर दिया और सीमा ने अपने ही गांव के प्राथमिक विद्यालय में नौकरी ज्वाइन भी कर ली है।

धन्यवाद जागरण

दैनिक जागरण से मिले सहयोग के बाद सीमा ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि धन्यवाद दैनिक जागरण। इस सफलता के कारण मेरा परिवार अब खुशियों के रास्ते पर चलने को तैयार है।

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