TajMahal: आ गया मौका जब कर सकेंगे ताजमहल में असली कब्रों का दीदार, बस प्रशासन की अनुमति का है इंतजार

TajMahal शाहजहां के उर्स में चढ़ेगी 1331 मीटर लंबी सतरंगी चादर। 10 मार्च से होना है शाहजहां का 366वां उर्स। जिला प्रशासन से अब तक नहीं मिली है अनुमति। विगम वर्ष लॉकडाउन के कारण नहीं हो सका था आयोजन। इस बार भी है संशय।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Fri, 05 Mar 2021 05:38 PM (IST) Updated:Fri, 05 Mar 2021 05:38 PM (IST)
TajMahal: आ गया मौका जब कर सकेंगे ताजमहल में असली कब्रों का दीदार, बस प्रशासन की अनुमति का है इंतजार
10 मार्च से होना है शाहजहां का 366वां उर्स।

आगरा, जागरण संवाददाता। मुगल शहंशाह शाहजहां का 366वां उर्स ताजमहल में 10 से 12 मार्च तक मनाया जाना है। उर्स में 1331 मीटर लंबी सर्वधर्म सद्भाव की प्रतीक सतरंगी चादर चढ़ाने की तैयारी है। उर्स का आयोजन जिला प्रशासन द्वारा अनुमति देने के बाद ही हो सकेगा। पिछले वर्ष कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से ताजमहल बंद था, जिससे उर्स नहीं हो सका था।

शहंशाह शाहजहां का उर्स इस्लामिक कैलेंडर के रजब माह की 25, 26 व 27 तारीख को मनाया जाता है। इस्लामिक कैलेंडर की यह तिथियां इस बार 10, 11 व 12 मार्च को हैं। खुद्दाम-ए-रोजा कमेटी द्वारा उर्स में चादरपोशी के लिए 1331 मीटर लंबी चादर बनवाई गई है। वर्ष 2020 में उर्स नहीं हुआ था, जबकि वर्ष 2019 में 1221 मीटर लंबी चादर चढ़ाई गई थी। कोरोना काल में उर्स के आयोजन पर तलवार लटकी हुई है। गृह मंत्रालय ने स्मारकों में कैपिंग बढ़ाने और टिकट विंडो खोलने समेत अन्य अधिकार डीएम को प्रदान कर दिए थे। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने उर्स के आयोजन को डीएम को पत्र भेजा है। उर्स के लिए एएसआइ को अभी तक अनुमति नहीं मिली है।अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि अभी तक उर्स के आयोजन को अनुमति नहीं मिली है। अनुमति मिलने के बाद ही उर्स का आयोजन संभव है। खुद्दाम-ए-रोजा कमेटी के ताहिरउद्दीन ताहिर ने बताया कि देश की सुरक्षा और लोगों का स्वास्थ्य सर्वोपरि है। जिला प्रशासन के अनुमति देने के बाद ही उर्स मनाया जाएगा।

गुस्ल से होती है शुरुआत

शहंशाह शाहजहां के उर्स के पहले दिन दोपहर दो बजे गुस्ल की रस्म होती है। इसमें तहखाने में स्थित कब्रों पर सुगंधित जल छिड़का जाता है। दूसरे दिन दोपहर दो बजे संदल की रस्म होती है। इसमें चंदन, गुलाब जल आदि के मिश्रण का लेप कब्रों पर किया जाता है। तीसरे दिन सुबह से ही चादरपोशी और पंखे चढ़ाए जाते हैं। शाम को लंगर बंटता है। उर्स में पहले व दूसरे दिन दोपहर दो बजे से और तीसरे दिन सुबह से शाम तक स्मारक में पर्यटकों को निश्शुल्क प्रवेश मिलता है।सुरक्षा भी है मुद्दाउर्स में भीड़ उमड़ती है, जिससे सुरक्षा का मुद्दा भी रहता है। गुरुवार को सिरफिरे ने ताजमहल में बम की सूचना देकर सनसनी फैला दी थी, जिसके बाद दो घंटे तक ताजमहल को बंद रखकर चेकिंग की गई थी।

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