Child Adoption: नि:संतान दंपती बच्चे को गोद लेना चाहते हैं, तो पहले पूरी करनी होंगी ये शर्त

Child Adoption सेंट्रल एडाप्शन रिसोर्स अथारिटी (कारा) में कराना होता है पंजीकरण। अनाथालय में रहने वाले बेसहारा बच्चों को गोद लेनेका माध्यम है कारा। वर्ष 2015 में बच्चों को गोद देने की प्रकिया के नियमों में किया गया था संशोधन।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Sat, 09 Jan 2021 04:04 PM (IST) Updated:Sat, 09 Jan 2021 04:04 PM (IST)
Child Adoption: नि:संतान दंपती बच्चे को गोद लेना चाहते हैं, तो पहले पूरी करनी होंगी ये शर्त
केंद्र सरकार ने बच्चा गोद लेने के लिए कारा गठित की हुई है। प्रतीकात्मक फोटो

आगरा, जागरण संवाददाता। बच्चाें को गोद लेने के लिए नि:संतान दंपती अक्सर अनाथालय से लेकर अन्य बाल गृहों तक के चक्कर काटते हैं। मगर, गोद लेने की जरूरी प्रक्रिया की जानकारी के अभाव में कभी- कभी वह धोखाधड़ी के शिकार भी हो जाते हैं। जबकि इसका सीधा और सरल तरीका है, इसके माध्यम से वह बच्चे को कानूनी रूप से गोद ले सकते हैं। केंद्र सरकार ने बच्चा गोद लेने के लिए सेंट्रल एडाप्शन रिसोर्स अथारिटी (कारा) गठित की हुई है। संस्था महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अंर्तगत काम करती है। यह संस्था नोडल बाडी की तरह काम करती है।

कारा मुख्य रूप से बेसहारा छोड़ दिए गए बच्चों को गोद देने का काम करती है। वर्ष 2015 में बच्चे को गोद देने की प्रक्रिया के नियमों में संशोधन किया गया। बच्चे को गोद लेना एक लंबी कानूनी प्रकिया जरूर है, लेकिन यह सबसे प्रभावी और स्थाई है। इससे कि भविष्य में कोई गोद लिए गए बच्चे पर दावा न कर सके। इसके साथ ही गोद लेने वाले दंपती को शारीरिक रूप और मानसिक तौर पर भावनात्मक रूप एवं आर्थिक दृष्टि से सक्षम सक्षम होना जरूरी है। उनको किसी तरह की गंभीर बीमारी नहीं होनी चाहिए। कोई भी संभावित माता-पिता जिनकी अपनी कोई जैविक संतान हा या न हो, वह बच्चा गोद ले सकते हैं।

गोद लेने के लिए ये हैं शर्त

-अगर संभावित अभिभावक शादीशुदा हैं तो उन दोनों की आपसी सहमित होना जरूरी है।

-एक सिंगल महिला किसी भी लिंग के बच्चे को गोद ले सकती है।

-एक सिंगल पुरुष सिर्फ लड़के को ही गोद ले सकता है।

-चार तक का बच्चा गोद लेने के लिए पति-पत्नी दोनों की उम्र 45 साल से अधिक नहीं होनी चाहिए।

-जिन लोगों के पहले से तीन या इससे अधिक बच्चे हैं, वह बच्चा गोद लेने के योग्य नहीं है। वह सिर्फ विशेष स्थिति में बच्चा गोद ले सकते हैं।

गोद लेने के लिए इन दस्तावेजों का होना है जरूरी

इन कागजातों के पूरे होन के बाद ही प्रक्रिया आगे बढ़ती है। बच्चा गोद लेने के लिए आनलाइन आवेदन भी किया जा सकता है। अगस्त 2015 में बच्चों को गोद लेने की प्रक्रिया और नियमों में कुछ संशोधन किए गए। इसका उद्दे्श्य गोद लेने की प्रक्रिया को आसान बनाना था। भारतीय नागरिकों के लिए निम्न योग्यताएं जरूरी हैं

-बच्चे को गोद लेने के इच्छुक परिवार की मौजूदा तस्वीर

-बच्चे को गोद लेने वाले का पैन कार्ड

-जन्म प्रमाण पत्र या कोई ऐसा दस्तावेज जिससे उसकी जन्मतिथि प्रमाणित हो।

-निवास प्रमाण-पत्र, आधार कार्ड, मतदाता परिचय पत्र, पासपोर्ट, नवीनतम बिजली या टेलीफोन का बिल

-उस साल के आय कर की प्रामाणिक कापी

-किसी सरकारी चिकित्साधिकारी का हस्ताक्षरित प्रमाण पत्र, जिससे इस बात की पुष्टि हो सके कि गोद लेने वाले बच्चे के अभिभावक ाको कोई गंभीर बीमारी नहीं है। गोद लेने के इच्छुक दंपती को अपने-अपने मेडिकल प्रमाण पत्र जमा कराने होंगे।

-शादी का प्रमाण पत्र यदि शादीशुदा हैं तो

-यदि व्यक्ति तलाकशुदा है तो उसका प्रमाण पत्र

-गोद लेने के पक्ष में इच्छुक व्यक्ति से जु़ड़े दो लोगों का बयान

गोद लेने की प्रक्रिया को श्रेणी में बांटा गया है

गोद लेने की प्रक्रिया को कई श्रेणी में बांटा गया है। विदेशी, अप्रवासी भारतीय, अंतररराज्यीय, सौतेले माता-पिता या रिश्तेंदारों द्वारा गोद लेने के अलग-अलग नियम हैं।

यह है गोद लेने के आवेदन का तरीका

सामाजिक कार्यकर्ता एवं बाल अधिकारों के लिए काम करने वाले नरेश पारस के मुताबकि कारा से बच्चे को गोद लेने की प्रक्रिया काफी सरल है। आनलाइन आवेदन करने के बाद उसे बाल गृह भेजा जाता है। जहां आवेदक का सत्यापन होता है। सामाजिक कार्यकर्ता तथा उनकी पारिवारिक, सामाजिक अौर आर्थिक स्थिति का अध्ययन करती है। उसके आधार पर रिपोर्ट बनाकर बाल गृह को देती है। आवेदकों को बाल गृह बुलाया जाता है।उनसे जानकारी की जाती है, बाल कल्याण समिति भी पूरी जानकारी लेती है। दंपती या गोद लेने वाले महिला-पुरुष के उपयुक्त मिलने पर बाल कल्याण समिति बच्चे को स्वतंत्र घोषित करती है। इसके बाद बच्चा गोद दिया जाता है। बच्चे की परवरिश जानने के लिए उसे फालोअप किया जाता है। 

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