Raksha Bandhan 2020: इस बार चाइनीज नहीं स्वदेशी रंग में रंगेगा राखी का त्योहर, घर− घर चल रहीं ये तैयारी

Raksha Bandhan 2020 रक्षाबंधन पर भाई की कलाई पर स्वदेशी राखी बांधने की प्रतिज्ञा के साथ चीन पर आर्थिक वार किया है।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Sat, 01 Aug 2020 04:05 PM (IST) Updated:Sat, 01 Aug 2020 04:05 PM (IST)
Raksha Bandhan 2020: इस बार चाइनीज नहीं स्वदेशी रंग में रंगेगा राखी का त्योहर, घर− घर चल रहीं ये तैयारी
Raksha Bandhan 2020: इस बार चाइनीज नहीं स्वदेशी रंग में रंगेगा राखी का त्योहर, घर− घर चल रहीं ये तैयारी

आगरा, जागरण संवाददाता। बात जब देश की हो तो हर हिंदुस्तानी मर-मिटने को तैयार रहता है। चीन ने गलवान घाटी में धोखे से हमारे वीर सैनिकों पर वार किया तो पूरा देश उसे सबक सिखाने के लिए खड़ा हो गया। ऐसे में रक्षाबंधन पर बहनों ने भी चीन को सबक सिखाने के लिए संकल्प ले लिया। रक्षाबंधन पर भाई की कलाई पर स्वदेशी राखी बांधने की प्रतिज्ञा के साथ चीन पर आर्थिक वार किया है। इसका उदाहरण हैं शहर के कई घरों में तैयार हो रहीं राखियां। इस बार बाजार भी देसी राखियों से गुलजार हैं। चीन की बनी राखियां स्वदेशी राखियों की चमक के आगे बाजार से गायब हो चुकी हैं। लुहार गली के दुकानदार रामकुमार ने बताया कि भारत और चीन के बीच रिश्तों में खटास आने पर इस बार चीनी राखी दिखाई ही नहीं दे रही हैं। लोगों ने स्वदेशी राखी ही मांगी है। कोरोना के चलते बाजार में स्टॉक कम आया तो हमने भी स्थानीय स्तर पर राखी तैयार कराईं। लोगों को यह राखी खूब पसंद आई हैं।

बहनें भी घर पर बना रहीं राखी

आवास विकास निवासी शीतल अग्रवाल ने अपने दो भाई जतिन और राघव के लिए इस बार घर पर ही राखी तैयार की हैं। उन्होंने इंटरनेट से राखी बनाना सीखा और अपने भाइयों की पसंद की राखी बनाई हैं। इसी तरह विजय नगर निवासी दीप्ती ने भी अपने भाई करन के लिए घर पर ही राखी तैयार की है। उनका कहना है कि इस बार कोरोना के कारण कोई भी बाजार नहीं गया।

इंदिरानगर निवासी सिद्धि जायसवाल की बेटी मीनल ने तो बाजार जाने से ही मना कर दिया है। मीनल छोटे भाई देव की पसंद की राखी बना रही हैं। कक्षा सात में पढऩे वाले देव भी राखी बनाने में बड़ी बहन की मदद कर रहे हैं। आशियाना निवासी पूजा मेहरोत्रा की बेटी इसिका भी भाई राघव के लिए घर में ही राखी बना रही हैं। उनका कहना है कि मम्मी ने संक्रमण के चलते बाहर जाने से मना कर रखा है। इसके अलावा कई स्वयंसेवी संगठनों द्वारा भी राखियां तैयार कराई गई हैं। इन राखियों को बहनों को दिया गया है, जिससे कोई चीन की राखी न खरीदे। साथ ही कई महिला समूहों ने भी राखी तैयार की हैं। गति वेलफेयर सोसायटी ने स्लम एरिया की महिलाओं से राखी तैयार कराईं। इससे महिलाओं को आमदनी भी हुई।  

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