अतिक्रमण पर खतरे में छावनी पार्षद की सदस्यता

जागरण संवाददाता, आगरा: सुप्रीम कोर्ट द्वारा मध्यप्रदेश के पंचमढ़ी छावनी के चुनाव निरस्त करने के आदेश

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Feb 2017 09:11 PM (IST) Updated:Wed, 22 Feb 2017 09:11 PM (IST)
अतिक्रमण पर खतरे में छावनी पार्षद की सदस्यता
अतिक्रमण पर खतरे में छावनी पार्षद की सदस्यता

जागरण संवाददाता, आगरा: सुप्रीम कोर्ट द्वारा मध्यप्रदेश के पंचमढ़ी छावनी के चुनाव निरस्त करने के आदेश के तहत अब आगरा छावनी में कार्रवाई की तैयारी शुरू हो गई है। डिफेंस लैंड पर अतिक्रमण करने वाले सदस्य इससे मुश्किल में आ सकते हैं।

मध्यप्रदेश के पंचमढ़ी छावनी के चुनाव में अनाधिकृत निर्माण में रहने वालों को सुप्रीम कोर्ट ने मतदाता नहीं माना था। कोर्ट ने डिफेंस लैंड पर अतिक्रमण करने वाले सदस्यों की सदस्यता निरस्त करने के भी आदेश दिए थे। इस आदेश के तहत आरटीआइ एक्टिविस्ट वीर बहादुर सिंह ने आगरा छावनी परिषद के सदस्यों की जांच कराने के लिए रक्षा मंत्रालय को पत्र लिखा था। इसके बाद छावनी परिषद की ओर से आरटीआइ एक्टिविस्ट को निर्वाचित सदस्यों व अतिक्रमण को हटाने के संबंध में पत्र भेजा। इसमें लिखा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुपालन में छावनी परिषद द्वारा छावनी क्षेत्र में जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी। जांच में जो प्रगति होगी उससे उन्हें अवगत कराया जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश और रक्षा मंत्रालय की सख्ती के चलते कुछ सदस्यों को परेशानी हो सकती है। पिछले दिनों इस मामले में हुई प्रेस कांफ्रेंस में छावनी के पूर्व सदस्य मलिक अजीम ने कई सदस्यों पर अतिक्रमण का आरोप लगाया था। अगर जांच में सदस्यों द्वारा अतिक्रमण पाया गया तो उनकी सदस्यता खतरे में पड़ जाएगी।

हड़ताल पर जाएंगे कर्मचारी

आगरा: छावनी परिषद के कर्मचारी एसीपी लंबित होने से आक्रोशित हैं। उन्होंने हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। छावनी परिषद एंप्लाइज यूनियन के अध्यक्ष महेश चंद ने हड़ताल के लिए रक्षा संपदा निदेशालय और छावनी परिषद के सीईओ को नोटिस भेजा है। उन्होंने कहा कि 20 मार्च तक एपीसी नहीं लगाई गई तो 21 मार्च से कर्मचारी कलमबंद हड़ताल पर जाएंगे।

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