Monkey Pox Alert in Mathura: सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद मथुरा में हेल्थ अलर्ट, बढ़ी विदेशियों की निगरानी

Monkey Pox Alert in Mathura मथुरा में मंकी पाक्स मरीज मिलने पर जांच को पुणे भेजे जाएंगे सैंपल। मंकी पाक्स चेचक के समान एक दुर्लभ वायरस है। यह पहली बार 1958 में शोध के लिए रखे गए बंदरों में पाया गया था।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Sat, 11 Jun 2022 05:02 PM (IST) Updated:Sat, 11 Jun 2022 05:02 PM (IST)
Monkey Pox Alert in Mathura: सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद मथुरा में हेल्थ अलर्ट, बढ़ी विदेशियों की निगरानी
Monkey Pox Alert in Mathura: मथुरा में मंकी पाक्स मरीज मिलने पर जांच को पुणे भेजे जाएंगे सैंपल।

आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना की रफ्तार थमनेे के साथ ही अब विभिन्न देशों में मंकी पाक्स के मरीज मिलने के बाद स्थानीय स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट हो गया है। प्रदेश से मिली गाइड लाइन के आधार पर स्वास्थ्य अधिकारी तैयारियों में लग गए हैं। सभी पीएचसी-सीएचसी के चिकित्सा अधिकारियों को सीएमओ कार्यालय से निर्देश दिए गए हैं कि संभावित लक्षण मिलने पर मरीज की तत्काल जांच कराई जाए।

जांच के लिए लिए गए रक्त के ये सैंपल पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलाजी में भेजे जाएंगे। यूके, यूएसए, यूरोप, आस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, इटली, पुर्तगाल व कनाडा में मंकी पाक्स के मामले मिलने के बाद प्रदेश सरकार द्वारा दिए गए आदेश के बाद स्थानीय स्तर पर भी विभाग ने गंभीरता दिखाई है। हालांकि देश में अभी तक किसी मरीज में इसकी पुष्टि नहीं की गई है, बावजूद इसके विभाग ने जिलेभर के सभी चिकित्साधिकारियों को बाहर से आने वाले सभी संदिग्ध लोगों को अपने टेस्ट कराने के लिए कहा है। उन्होंने खासतौर पर पिछले 21 दिनों में उक्त देशों से आने वाले सभी लोगों की स्क्रीनिंग करने की भी कार्य योजना तैयार की है।

क्या है मंकी पाक्स

मंकी पाक्स चेचक के समान एक दुर्लभ वायरस है। यह पहली बार 1958 में शोध के लिए रखे गए बंदरों में पाया गया था। तबसे इसे मंकी पाक्स के नाम से जाना जाता है। मंकी पाक्स से इंसानों में संक्रमण का पहला मामला 1970 में दर्ज किया गया था। यह रोग मुख्य रूप से मध्य और पश्चिम अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय वर्षा वन क्षेत्रों में होता है और कभी-कभी अन्य क्षेत्रों में पहुंच जाता है। यह बीमारी अधिकांशत: बुखार, दाने और गांठ के जरिए उभरती है। इसके लक्षण आमतौर पर दो से चार सप्ताह तक दिखने के बाद स्वयं ही दूर होते जाते हैं।

मंकी पाक्स को लेकर मिले निर्देश के बाद विभाग को अलर्ट कर दिया गया है। यहां अभी कोई मामला ऐसा नहीं हैं। मंकी पाक्स प्रभावित देशों से आने वाले लोगों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। लक्षण प्रतीत होने पर इनके रक्त सैंपल लेकर जांच को पुणे भेजे जाएंगे।

डा. एके वर्मा, सीएमओ

प्रदेश सरकार ने मंकी पाक्स को लेकर सर्तकता बरतने के निर्देश जारी किए हैं, इसे लेकर सभी चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। हालांकि देश में अभी ऐसे किसी मामले की पुष्टि नहीं हुई है लेकिन स्थानीय स्तर पर विभाग पूरी तरह सतर्कता बरत रहा है।

डा. भूदेव सिंह, नोडल अधिकारी

 

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