हाथरस में लक्ष्मण पहलवान समेत दो की गोलियां बरसाकर हत्या

दो कारों मे सवार हमलावरों ने दिया घटना को अंजाम, पुरानी रंजिश में गई जान, भोला पहलवान समेत अन्य पर मुकदमा

By JagranEdited By: Publish:Fri, 11 Jan 2019 07:30 AM (IST) Updated:Fri, 11 Jan 2019 07:30 AM (IST)
हाथरस में लक्ष्मण पहलवान समेत दो की गोलियां बरसाकर हत्या
हाथरस में लक्ष्मण पहलवान समेत दो की गोलियां बरसाकर हत्या

आगरा, जेएनएन। जरायम की दुनिया से जुड़े लक्ष्मण पहलवान व उसके साथी की गुरुवार को दोपहर अंधाधुंध गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गई। घटना के समय वह कार में तहसील से अपने इगलास अड्डा स्थित घर लौट रहा था। पुलिस ने बदमाशों की तलाश में अलीगढ़ व मथुरा बॉर्डर को सील किया गया, लेकिन देर रात तक कुछ पता नहीं चल सका।

हाथरस के इगलास अड्डा निवासी लक्ष्मण पहलवान (51) मूलरूप से बिसावर (सादाबाद) के गांव नगला शेखा का रहने वाला था। प्रॉपर्टी डी¨लग के धंधे से जुड़ा था। शाहगंज (आगरा) के अर्जुन नगर इलाके में भी उसकी कोठी है। पिछले 15 साल से लक्ष्मण यहां हाथरस में रत्नगर्भा कॉलोनी के बगल में अपने बड़े भाई सुरेंद्र ¨सह परिहार (रिटायर्ड इंस्पेक्टर) और रालोद नेता के साथ रह रहा था। यहां बसने के बाद से ही उसकी भोला पहलवान उर्फ गजेंद्र निवासी अखैपुर, इगलास (अलीगढ़) से रंजिश हो गई थी। भोला इगलास अड्डा स्थित धाऊबाग बगीची पर ही रहता था। यहीं उसके लड़के पहलवानी करते हैं। इस रंजिश में एक-दूसरे पर कई बार हमले व मुकदमेबाजी भी हुई। गुरुवार को लक्ष्मण अपने साथी रवि (26) पुत्र सुरेंद्र सिंह निवासी नगला मदारी, बिसावर (सादाबाद) के साथ तहसील आया था। यहां से दोनों कार से बंबा के रास्ते इगलास रोड के लिए जा रहे थे। रास्ते में स्विफ्ट डिजायर कार ने इनकी कार को ओवरटेक किया। पीछे से आई स्कॉर्पियो ने इनकी कार में टक्कर मारी। कार के रुकते ही हमलावरों ने घेरकर अंधाधुंध फाय¨रग कर दी। लक्ष्मण और रवि कई गोलियां लगने से उनकी मौके पर ही मौत हो गई। सुरेंद्र ¨सह परिहार ने भोला सहित उसके आधा दर्जन साथियों के खिलाफ तहरीर दी है।

गैंगस्टर सहित पांच मामले हैं दर्ज

लक्ष्मण के खिलाफ पांच मामले दर्ज हैं। आगरा में मारपीट का एक, राया (मथुरा) में दो मामले गैंगस्टर व मारपीट, हाथरस में जान से मारने की नीयत से हमला आदि के दो मुकदमे दर्ज हैं।

आगरा में भी थी लक्ष्मण की दहशत

लक्ष्मण पहलवान की आगरा में भी दहशत थी। नब्बे के दशक में आगरा में लक्ष्मण सक्रिय था। उस समय जमीनों पर पर कब्जे से लेकर रंगदारी में उसका नाम सुर्खियों में रहा था। बाद में वह आगरा छोड़कर हाथरस में रहने लगा था। अर्जुन नगर में आज भी उसका परिवार रहता है। अब वह यहां कम आता-जाता था।

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