आपको डायबिटीज है, रोजा रख रहे हैं तो डॉक्टर से जरूर सलाह ले लें
चिकित्सक बताते हैं कि कोई रोजेदार अगर किसी बीमारी के इलाज की नियमित दवा लेते हैं तो अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर ले लें।
आगरा, जागरण संवाददाता। इस्लाम धर्म में रमजान का महीना सबसे पवित्र माना जाता है। इस महीने में मुस्लिम लोग रोजा रखकर अल्लाह की इबादत करते हैं। रोजेदार अल सुबह फजर की अजान यानी सूरज उगने से पहले जो खाना खाते हैं, उसे सहरी कहते हैं। अजान के बाद रोजा शुरू हाे जाता है। रोजेदार दिन में कुछ नहीं खाते हैं। शाम को असर की नमाज अदा करने के बाद सूरज के ढलने के बाद इफ़तार करते हैं। इस बार तो मौसम भी बेहद गर्म है। सूरज की तपिश तेज है। ऐसे में जनजीवन प्रभावित हो रहा है। चिकित्सक बताते हैं कि कोई रोजेदार अगर किसी बीमारी के इलाज की नियमित दवा लेते हैं तो अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर ले लें। एसएन मेडिकल कॉलेज, आगरा के पूर्व मेडिसन विभागाध्यक्ष डा ए के गुप्ता बताते हैं कि सबसे ज्यादा सावधानी डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और सांस के रोगियों को बरतनी चाहिए।
डॉ एके गुप्ता
रोजेदार पूरे दिन कुछ खाते-पीते नहीं हैं, डायबिटीज के इलाज में पूरे दिन खाली पेट रहना संभव नहीं है। इसलिए ऐसे रोजेदार को चाहिए कि वे अपने डॉक्टर से परामर्श लें और डायबिटीज की डोज को सुबह-शाम की करा लें। इसी तरह ब्लड प्रेशर और सांस के रोेगियों को चिकित्सकीय परामर्श ले लेना चाहिए। जिनकी बाइपास सर्जरी हो चुकी है, उन्हें दिन में कई बार दवा लेनी पडती है, साथ ही उनके शरीर में पानी की मात्रा का स्तर भी सामान्य बनाए रखना जरूरी होता है। ऐसे रोगी भी डॉक्टर से परामर्श जरूर कर लें। रोजा रखने के दौरान कमजोरी महसूस होने पर तुरंत लेटकर आराम कर लेना चाहिए।
गर्भवती महिलाएं बरतें सावधानी
इसी तरह गर्भवती को रोजा रखने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। गर्भवती को रेाजा रखने के दौरान बार-बार प्यास लगे, मुंह सूख रहा हो, यूरिन का रंग पीला या गहरा भूरा नजर आए तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। चक्कर आएं तो ब्लड सुगर चेक कराएं।रमजान के महीने में कुछ बच्चे भी रोजा रखते हैं। बाल रोग विशेषज्ञ बताते हैं कि किसी भी तरह की दिक्कत महसूस होने पर ऐसे बच्चे डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
इफ्तारी में करें पुदीना, शहद और नीबू पानी का इस्तेमाल
इफ्तारी में खजूर के साथ-साथ शहद और पुदीना युक्त नीबू पानी का प्रयोग करना चाहिए। डायटिशियन रेनूका डंग के अनुसार घड़े में रखे पानी में नीबू का रसमिलाकर इस्तेमाल करें। इससे ऊपर आने वाले एसिड को संतुलित किया जा सकता है। उसके तुरंत बाद तरबूज, खीरा या अन्य कोई मौसमी फल का भी सेवन किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इफ्तारी के एक घंटा बाद हल्के भोजन का इस्तेमाल करें। इसमें भी प्रोटीन युक्त जैसे अंडा, दाल के साथ चावल शामिल हों। शरीर हाइड्रेट रखने के लिए खाने में पानी, फल या सब्जियों के रस को शामिल करें और तरल पदार्थों के सेवन से बचें। सहरी के लिए बिना चीनी के एक कटोरी दही का सेवन करें। ताकि शरीर में पानी का स्तर संतुलित रहे।
काबरेहाइड्रेट व प्रोटीन
काबरेहाइड्रेट युक्त भोजन गेहूं रोटी, ओट अनाज, दलिया। इसके अलावा प्रोटीन युक्त भोजन जैसे बिना नमक की चीज, अंडे, या और कोई डेयरी आइटम शामिल कर सकते हैं।
मौसमी फल व सब्जियों का करें प्रयोग
रोजेदार मौसमी फलों को डाईट में शामिल करें। बाजार की किसी भी चीज की जगह तरबूज, कस्तूरी, ककड़ी, टमाटर, पुदीना, सलाद आदि का प्रयोग कर सकते हैं। इस दौरान ओवर डायटिंग और मीठे व्यंजनों से परहेज करें।
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