Hathras Case: हाथरस सामूहिक दुष्कर्म मामले की फोरेंसिक जांच शुरू, आरोपितों को सलाखों तक पहुंचाने के मिलेंगे साक्ष्‍य

हाथरस पुलिस ने जांच के लिए आगरा फोरेंसिक लैब भेजे हैं युवती कपड़े और स्लाइड। दस दिन में फोरेंसिक वैज्ञानिक देंगे अपनी रिपोर्ट। आरोपितों की गर्दन तक पहुंचने में मददगार बनेगी ये रिपोर्ट। पहले भी कई केसों की हुई है यहां जांच।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Tue, 29 Sep 2020 07:19 PM (IST) Updated:Tue, 29 Sep 2020 08:55 PM (IST)
Hathras Case: हाथरस सामूहिक दुष्कर्म मामले की फोरेंसिक जांच शुरू, आरोपितों को सलाखों तक पहुंचाने के मिलेंगे साक्ष्‍य
हाथरस में सामूहिक दुष्‍कर्म की घटना के बाद दम तोड़ने वाली युवती से जुड़े सुबूत पहुंचे आगरा।

आगरा, अली अब्‍बास। हाथरस में युवती से हुए सामूहिक दुष्कर्म कांड की जांच आगरा फोरेेंसिक लैब ने शुरू कर दी है। वैज्ञानिकों द्वारा सामूहिक दुष्कर्म के मामले में भेजे गए साक्ष्यों का परीक्षण किया जा रहा है। फोरेंसिक लैब दस दिन में अपनी रिपोर्ट हाथरस पुलिस को देगी। निर्भया कांड की तरह हुई इस जघन्‍य घटना में फोरेसिंक लैब की रिपोर्ट आरोपितों तक पहुंचने में मददगार साबित होगी।

हाथरस के चंदपा थाना क्षेत्र में 14 सितंबर को खेत पर गयी पीड़़िता के साथ घटना हुई थी। उसके भाई ने आरोपित संदीप के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। पीड़िता को गंभीर हालत में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। पीड़िता से सामूहिक दुष्कर्म की जानकारी पर सीओ ने 22 सितंबर को उसके बयान दर्ज किए। उसने संदीप और उसके तीन साथियों द्वारा सामूहिक दुष्कर्म की बात कही थी।

पुलिस ने मुकदमे में सामूहिक दुष्कर्म की धारा बढ़ाते हुए संदीप समेत चारों आरोपितों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया। हाथरस पुलिस ने सामूहिक दुष्कर्म की पुष्टि के लिए सभी साक्ष्यों काे 22 सितंबर को आगरा फोरेंसिक लैब जांच के लिए भेजा था। इनमें पीड़िता की स्लाइड और उसके कपड़े शामिल हैं। मंगलवार को पीड़िता की मौत हो गयी। फोरेंसिक लैब ने हाथरस सामूहिक दुष्कर्म मामले की जांच को प्राथमिकता पर लेते हुए भेजे गए साक्ष्यों की जांच शुरू कर दी है।

सामूहिक दुष्कर्म मामले में वैज्ञानिक जांच के चरण

- पुलिस द्वारा भेजे गए साक्ष्यों की केस हिस्ट्री तैयार की है।

- इसके बाद पीड़िता की स्लाइड का परीक्षण किया जाएगा।

- उसके कपड़ों और उन पर लगे दागों की वैज्ञानिक जांच करेंगे।

- वैज्ञानिक पीड़िता के कपड़ों पर सीमन के दाग की पुष्टि करेंगे।

- इसकी पुष्टि होने पर आरोपितों के डीएनए से मिलान किया जा सकेगा।

- वैज्ञानिक सारे साक्ष्यों की प्रारंभिक जांच करने के बाद फाइनल परीक्षण करके अपनी रिपोर्ट तैयार करेंगे।

डीएनए जांच के लिए रखी जाएगी स्लाइड

स्लाइड की जांच के बाद वैज्ञानिक इसे डीएनए जांच के सुरक्षित रखेंगे। इससे कि पुलिस-प्रशासन जरूरत पड़ने पर स्लाइड को डीएनए जांच के लखनऊ या गाजियाबाद की फोरेंसिक लैब भेज सके। आगरा में 15 मार्च 2013 में हुए चर्चित शोध छात्रा हत्याकांड में भी स्लाइड के परीक्षण में दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई थी। जिस पर शोध छात्रा की नष्ट हो गयी स्लाइड को हैदराबाद की फोरेंसिक लैब भेजा गया था। वहां पर डीएनए जांच में शोध छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी। 

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