अब PWD में गोलमाल, पढ़ें कैसे लगा आगरा परिक्षेत्र मेंं खजाने को चूना Agra News

1064 सप्लाई आर्डर बनाकर किया गया भुगतान। कई इंजीनियर और ठेकेदारों की मिलीभगत।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Fri, 03 Jan 2020 11:31 AM (IST) Updated:Fri, 03 Jan 2020 11:31 AM (IST)
अब PWD में गोलमाल, पढ़ें कैसे लगा आगरा परिक्षेत्र मेंं खजाने को चूना Agra News
अब PWD में गोलमाल, पढ़ें कैसे लगा आगरा परिक्षेत्र मेंं खजाने को चूना Agra News

आगरा, अमित दीक्षित। प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने का दावा कर रही है, लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) में भी ई-टेंडरिंग से लेकर कई अन्य बदलाव किए गए हैं। लेकिन इंजीनियरों और ठेकेदारों की जुगलबंदी से आगरा परिक्षेत्र में बड़ा खेल हो गया। यहां साढ़े दस करोड़ रुपये के फर्जी सप्लाई आर्डर तैयार कर दिए गए, इनका भुगतान भी हो गया। मुख्य अभियंता सत्य प्रकाश ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

एक लाख या फिर इससे कम रुपये के कार्य इमरजेंसी वर्क में शामिल हैं। ऐसे छोटे कार्यो का टेंडर नहीं होता है। फायदा आमतौर पर इंजीनियर उठाते हैं। कई ऐसे कार्यो को भी शामिल कर लिया जाता है जिसकी खबर किसी को नहीं होती है। इंजीनियर चहेते ठेकेदार को काम आवंटित कर भुगतान की फाइल को आगे बढ़ा देते हैं।

लोक निर्माण विभाग आगरा परिक्षेत्र के मथुरा जिले में भी कुछ ऐसा ही हुआ। खंड प्रथम में जुलाई 2017 से जुलाई 2019 तक 1064 सप्लाई आर्डर तैयार हुए। यह वर्क आर्डर बल्देव, राया, मांट क्षेत्रों में रोड की मरम्मत, इंटरलॉकिंग सहित अन्य कार्यो के थे। यह सभी सप्लाई आर्डर तीन से चार ठेकेदारों को दिए गए।

आगरा में भी 500 फर्जी आर्डर

आगरा में भी 500 फर्जी सप्लाई आर्डर बनाए गए हैं। जिनका भुगतान हो गया है। यह भी रोड की मरम्मत सहित अन्य के थे।

दो साल में नहीं किए रुपये सरेंडर

नियमानुसार जो भी रुपये बचे हैं। उसे वित्तीय साल के अंत में सरेंडर कर देना चाहिए लेकिन दो साल के भीतर एक भी रुपया सरेंडर नहीं किया गया है।

होगी सख्‍त कार्रवाई

फर्जी सप्लाई आर्डर मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं। आगरा और मथुरा में यह पूरा खेल हुआ है। मामले की जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।

सत्य प्रकाश, मुख्य अभियंता पीडब्ल्यूडी आगरा परिक्षेत्र

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