सुुबह होने तक: हर टारगेट रहता है पहले से तय, हर सवारी का होता है कोड वर्ड Agra News

कैंट स्‍टेशन लपका मुक्‍त होने का दावा बेकार। जागरण के सुबह होने तक अभियान में खुली हकीकत।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Mon, 20 Jan 2020 04:10 PM (IST) Updated:Mon, 20 Jan 2020 04:10 PM (IST)
सुुबह होने तक: हर टारगेट रहता है पहले से तय, हर सवारी का होता है कोड वर्ड Agra News
सुुबह होने तक: हर टारगेट रहता है पहले से तय, हर सवारी का होता है कोड वर्ड Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। कैंट रेलवे स्टेशन। समय रात तीन बजे। स्टेशन के मुख्य द्वार पर पहुंचते ही कान में आवाज आई। ये कपल मेरा है.। ये ठोली मेरी और ये रेड कलर की जैकेट मेरी। तभी एक बोला कि ये सिंगल बैग मेरा है। ये ऑटो चालक बने लपकों के शब्द थे। स्टेशन से निकलते ही वे कुछ इसी अंदाज में अपने टारगेट पहले से तय कर रहे थे। तड़के चार बजे तक दैनिक जागरण की टीम ने यहां का जायजा लिया तो इसी तरह गेट पर मजमा दिखा। वहीं दूसरी ओर प्रीपेड ऑटो और टैक्सी बूथ खाली रहा। वहां चुनिंदा यात्री ही पहुंचे।

आरपीएफ और जीआरपी का दावा मानें तो कैंट रेलवे स्टेशन पर लपका मुक्त है। यहां कोई लपका पर्यटकों और यात्रियों को नहीं घेरता। इसकी असलियत जानने के लिए दैनिक जागरण की टीम मध्य रात्रि को कैंट रेलवे स्टेशन पहुंची। मुख्य द्वार के बाहर 10-15 युवक खड़े थे। गोवा एक्सप्रेस रात 3.15 पर पहुंची। इसमें से 9-10 यात्री बाहर निकले तो गेट पर खड़े युवक पहले से ही टारगेट सेट करके खड़े हो गए। एक कपल बाहर निकला तो युवक पीछे लग गए। उन्होंने कपल को प्रीपेड बूथ पर न जाने दिया। एक युवक ने रास्ते में ही बात करके किराया तय किया और उन्हें ऑटो से ले गया। रात 3.30 बजे राजधानी एक्सप्रेस आई। इसमें से भी नौ यात्री उतरे। स्टेशन से बाहर निकलने लगे तो अच्छे ड्रेस अप वाले ये युवक कोड वर्ड वाली भाषा बोलने लगे। केवल एक यात्री ही प्रीपेड ऑटो बूथ पर पहुंचा।

इसी तरह प्रीपेड टैक्सी बूथ पर भी केवल दो यात्री पहुंचे। रात 3.50 पर तमिलनाडु एक्सप्रेस पहुंची। इसमें से 17 यात्री उतरे थे। जैसे ही वे बाहर निकले। लपकों ने घेर लिया। अपनी-अपनी काबिलियत के हिसाब से टारगेट फिक्स करके प्रीपेड बूथ से पहले ही उन्हें ले गए। कैमरे का फ्लैश चमकते ही सभी ऐसे भागे जैसे उन्हें कोई करंट लग गया हो। वहां से भागकर वे सीधे गेट के आगे के डिवाइडर पर लाइन लगाकर खड़े हो गए। थोड़ी देर बाद जीआरपी के एक कांस्टेबल डंडा लेकर वहां पहुंच गए। लपकों की भीड़ में से एक उनके पास पहुंचा। कान में कुछ बतियाकर अपने झुंड में आ गया। इसके बाद सभी दूर जाकर खड़े हो गए।

जागरण टीम ने प्रीपेड ऑटो बूथ का भी हाल देखा। इस पर कांस्टेबल विनोद कुमार पूरी सजगता से बैठे थे। उनके पास जो भी यात्री पहुंचा। उन्होंने निर्धारित किराए पर ऑटो बुक किए। रसीद काटकर जीआरपी का दस रुपये कमीशन भी लिया। विनोद का कहना था कि वे प्रयास करते हैं कि अधिकतर लोग यहां से ऑटो लें। बूथ से ऑटो ले जाने वालों का वे पूरा ध्यान रखते हैं। यही हाल प्रीपेड टैक्सी बूथ का भी था। यहां बुकिंग को कांस्टेबल दिनेश कुमार बैठे थे। चार बजे तक यहां कुछ ऐसा ही हाल था।

कैमरे का फ्लैश चमकते ही खुला पूछताछ काउंटर

ईदगाह बस स्टैंड का पूछताछ केंद्र रविवार रात को 3: 30 बजे बंद था। जैसे ही जागरण टीम पहुंची और कैमरे का फ्लैश चमका पूछताछ केंद्र खुल गया। कर्मचारी सुरेश भी पहुंच गए। उनका कहना था कि वे किसी को टिकिट देने कुछ समय पहले ही बाहर निकले थे। इसलिए केंद्र का दरवाजा बंद कर गए थे।

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